Tahawwur Rana Extradited: साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों की साजिश रचने वाला तहव्वुर राणा भारत आ चुका है।
तहव्वुर को लेकर एक विशेष विमान ने बुधवार (9 अप्रैल 2025) को अमेरिका से उड़ान भरी थी।
राणा पर आरोप है कि उसने और डेविड हेडली ने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर मुंबई समेत भारत में कई जगहों पर आतंकी हमलों की साजिश रची थी।
इस हमले में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोगों की जान गई थी।
भारत पिछले 17 वर्षों से राणा और उसके साथी डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्यर्पण की कोशिश में लगा था।
हेडली के मामले में तो भारत को खास सफलता नहीं मिली है।
मगर तहव्वुर राणा के मामले में अमेरिका की निचली अदालतों से लेकर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक ने भारत के दावों को मानते हुए उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी।
अब उसके साथ आगे क्या होगा। ये हर कोई जानना चाहता है।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि तहव्वुर राणा है कौन, मुंबई हमलों से वो कैसे जुड़ा और अब भारत लाने के बाद उसके साथ क्या होगा।
पाकिस्तान में जन्म, कनाडा की नागरिकता (Who is Tahawwur Rana)
- 64 साल के तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले के चिचावतनी शहर में हुआ था।
- वह पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में डॉक्टर के तौर पर काम कर चुका है।
- 1997 में वह पाकिस्तान छोड़कर कनाडा चला गया, जहां उसने कनाडा की नागरिकता ले ली।
- यहां उसने इमिग्रेशन सर्विसेस देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया।
- कनाडा से वह अमेरिका पहुंचा और शिकागो सहित कई लोकेशंस पर फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम से कंसल्टेंसी फर्म खोली।
- अमेरिकी कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक, राणा कई बार कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड भी गया था। वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है।
- मुंबई हमलों के मामले में वह दूसरे मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमन हेडली के बचपन का दोस्त भी है।
मुंबई हमले में ऐसे आया राणा का नाम
- भारत और अमेरिका की जांच में ये सामने आया था कि तहव्वुर राणा ने अपनी कंसल्टेंसी फर्म्स में डेविड हेडली (david headley) को नौकरी दी थी।
- इसी फर्म की मुंबई शाखा के काम के लिए डेविड हेडली मुंबई आया था और लश्कर-ए-तयैबा के आतंकी हमलों की तैयारी के लिए मुंबई में ताज होटल और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जैसी प्रमुख जगहों की रेकी की थी।
- जांचकर्ताओं का मानना है कि तहव्वुर राणा ने कंसल्टेंसी फर्म की आड़ में ही डेविड हेडली से रेकी का पूरा काम कराया।
- 26/11 आतंकी हमले के मुख्य आरोपी डेविड ने भी कहा था कि तहव्वुर राणा ने आतंकी अभियान के लिए सामानों की सप्लाई और वित्तीय सहायता की थी।
- हेडली और राणा ने अमेरिका में मुलाकात की थी और अपने आगे के प्लान के बारे में विस्तार से बात की थी।
कई जगहों को निशाना बनाने की साजिश
- दस्तावेज के अनुसार, राणा और हेडली ने दूसरे साथियों के साथ मिलकर भारत में कई और जगहों को भी निशाना बनाने की योजना बनाई थी।
- इनमें दिल्ली में नेशनल डिफेंस कॉलेज और इंडिया गेट जैसी जगहें शामिल थीं।
- इसके अलावा, उसने कई यहूदी केंद्रों पर भी हमले करने की साजिश रची थी।

भारत पहुंचने के बाद क्या होगा राणा के साथ (Tahawwur Rana In India)
- NIA और रॉ की टीम के सुरक्षा घेरे में स्पेशल प्लेन से वह आज दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरेगा।
- भारत पहुंचते ही उसे NIA की टीम आधिकारिक तौर पर हिरासत में ले लेगी। इसके बाद राणा को बुलेटप्रूफ गाड़ी में NIA हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा।
- इसके बाद राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है। पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट किया जाएगा।
- तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल के हाई-सिक्योरिटी वॉर्ड में रखा जाएगा।
- जेल प्रशासन ने सुरक्षा के खास इंतजाम किए हैं और तहव्वुर राणा के लिए उच्च सुरक्षा वाला जेल वार्ड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
- हालांकि, राणा को कहां रखा जाएगा इस पर अंतिम फैसला गृह मंत्रालय लेगा।
26/11 आतंकी हमले के मास्टर माइंड
इस्लामिक आतंकी तहव्वुर राणा के स्वागतकी तैयारियां NIA ऑफिस पे तेज़ी से चल रहीं
लटकेगा तो ये भी यासीन की तरह ही
वो बात अलग है कि कुछ भारत में पल रहे इसके रिश्तेदार इसकी जान की भीख मांगेगे✍️#TahawwurRana #tahawwurranaextradition #viop pic.twitter.com/p8qPKyg5DT— Abhishek Singh LU (@singh4abhishek4) April 10, 2025
दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राणा के प्रत्यर्पण को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भी हाई अलर्ट कर दिया गया है।
इसके साथ ही SWAT कमांडोज को भी एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है।
एयरपोर्ट के बाहर सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की सिक्योरिटी विंग और स्थानीय पुलिस मौजूद रहेगी।
तहव्वुर राणा को लेकर सुरक्षा मुस्तैद, NIA मुख्यालय के सामने JLN मेट्रो स्टेशन, गेट नंबर 2 किया गया बंद#TahawwurRana #mumbaiattack #NIA #NIAHeadquarters #SecurityAlert #DelhiMetro #JLNMetroStation #TerrorismCase #IndiaSecurity #HighAlert #GateNo2Closed #AntiTerrorAction #tnpnews pic.twitter.com/seytafVOgx
— TNP NEWS (@TNPNEWS1) April 10, 2025
अक्टूबर 2009 में गिरफ्तार हुआ था राणा
- FBI ने मुंबई हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में अमेरिका के शिकागो में ओ हेयर एयरपोर्ट से तहव्वुर राणा को गिरफ्तार किया था।
- उस पर मुंबई और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी सामान मुहैया कराने का आरोप था।
- हेडली की गवाही के आधार पर तहव्वुर को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
- 2011 में राणा को दानिश न्यूजपेपर मॉर्गेनाविसेन जाइलैंड्स-पोस्टेन पर हमले की साजिश रचने का दोषी पाया गया था।
- इस अखबार ने 2005 में पैगंबर मोहम्मद पर 12 विवादित कार्टून्स छापे थे। हमले में एक कार्टूनिस्ट का सिर कलम कर दिया गया।
- अगले ही साल यही 12 कार्टून ‘चार्ली हेब्दो’ नाम की फ्रांसीसी मैगजीन ने छापे, जिसके बदले में 2015 में चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला करके 12 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
प्रत्यर्पण से बचने के लिए किया था ये बहाना
- तहव्वुर ने भारत आने से बचने के लिए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
- उसने अपनी याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए कहा था कि अगर भारत डिपोर्ट किया गया तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है।
- तहव्वुर राणा को 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था।
- राणा को अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन करने के लिए दोषी ठहराया गया था।
- अब तक वह लॉस एंजिल्स के एक डिटेंशन सेंटर में बंद था।
तहव्वुर के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने उठाए थे ये कदम
- 2011 भारत की NIA ने राणा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
- 2019 को पहली बार डिप्लोमैटिक चैनल्स से राणा के प्रत्यर्पण की मांग की।
- 2020 को राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग की।
- फरवरी 2021 में भारत ने आधिकारिक तौर पर प्रत्यर्पण की मांग करते हुए अमेरिकी न्याय विभाग को नोट भेजा।
- 22 जून 2021 को अमेरिका की संघीय अदालत में राणा के प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई के दौरान भारत ने सबूत पेश किए।
तहव्वुर राणा पर पाकिस्तान का बयान
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने एक सवाल के जवाब में कहा-
‘तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं कराया है।’
उसके पास कनाडा का नागरिकता है।
भारत की बड़ी जीत- शहजाद पूनावाला
26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा,
“यह सभी सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक, अभियोजन, खुफिया एजेंसियों के लिए एक बड़ी जीत है कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता को भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है।
यह सिर्फ एक प्रत्यर्पण नहीं है; यह नए भारत का संकल्प है कि हम आतंकी हमलों पर चुप नहीं रहेंगे बल्कि मुंहतोड़ जवाब देंगे।
भारत आतंकवादियों को न तो माफ करेगा और न ही भूलेगा।
यह न केवल भारत में पीड़ितों के लिए बल्कि सत्रह से अठारह देशों में 26/11 हमलों में मारे गए लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
#WATCH | Delhi | On 26/11 Mumbai terror attacks accused Tahawwur Rana’s extradition to India, BJP National Spokesperson Shehzad Poonawalla says, “…It is a major victory for all security, counter-terrorism, prosecution, intelligence agencies that the main conspirator of the… pic.twitter.com/tjJp2moeFt
— ANI (@ANI) April 10, 2025
मुंबई हमलों के पीड़ित बोले- न बिरयानी मिले, न आराम
राणा के भारत आने के बीच मुंबई आतंकवादी हमले के पीड़ितों के जख्म एक बार फिर से ताजा हो गए हैं।
मोहम्मद तौफीक उर्फ ‘छोटू चाय वाला’, जिनकी सतर्कता से कई जानें बचीं थीं, उसने कहा,
“भारत को तहव्वुर राणा जैसे आतंकियों को कोई सुविधा नहीं देनी चाहिए।
न बिरयानी (Biryani), न आराम, जैसी कसाब को दी गई थीं।
ऐसे आतंकियों के लिए अलग से कानून बनना चाहिए, जिससे 2-3 महीने में उन्हें फांसी दी जा सके।
#WATCH | Mumbai: On 26/11 Mumbai attacks accused Tahawwur Rana’s extradition to India, Mohammed Taufiq, a tea seller known as ‘Chhotu Chai Wala’ whose alertness helped a large number of people escape the attack, says, “…For India, there is no need to provide him with a cell.… pic.twitter.com/zLqHEt7sHs
— ANI (@ANI) April 9, 2025
मुंबई हमलों से दहला था पूरा देश (Mumbai Terror Attack)
- 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे और शहर के कई हिस्सों में हमला किया।
- इन्होंने रेलवे स्टेशन, दो बड़े होटलों और एक यहूदी केंद्र को निशाना बनाया।
- ये हमले करीब 60 घंटे (4 दिन) तक चले, जिसमें 166 लोगों की जान गई और 300 लोग घायल हुए थे।
- इस हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था।
- इन 10 आतंकियों में से सिर्फ एक जिंदा पकड़ा गया – अजमल आमिर कसाब।

- उसे अदालत ने फांसी की सजा सुनाई और नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई।