Homeन्यूजवोटर वेरिफिकेशन विवाद: कई सांसद हिरासत में, प्रियंका बोलीं- सरकार कायर हैं,...

वोटर वेरिफिकेशन विवाद: कई सांसद हिरासत में, प्रियंका बोलीं- सरकार कायर हैं, राहुल ने कहा- ये संविधान को बचाने की लड़ाई

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Rahul Gandhi Opposition protest सोमवार को विपक्ष के 300 से अधिक सांसदों ने वोटर वेरिफिकेशन (SIR) प्रक्रिया और चुनावी धांधली के आरोपों के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला।

इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, डिंपल यादव और शशि थरूर जैसे बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।

विपक्षी सांसदों ने “वापस लो, वापस लो” और “वोट चोर, गद्दी छोड़” के नारे लगाए।

पुलिस ने रोका मार्च, कई नेताओं को हिरासत में लिया

दिल्ली पुलिस ने विपक्षी सांसदों को चुनाव आयोग तक जाने से रोक दिया, क्योंकि उनके पास मार्च की अनुमति नहीं थी।

जब सांसदों ने बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

 अखिलेश यादव बैरिकेडिंग के ऊपर से कूद गए, जबकि प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और डिंपल यादव को पुलिस बस में बैठाकर पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

यह संविधान बचाने की लड़ाई- राहुल गांधी

विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी की गई है और 2024 के लोकसभा चुनावों में वोटर फ्रॉड हुआ है।

राहुल गांधी ने कहा- “हकीकत यह है कि वे बोल नहीं सकते। सच्चाई देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है। यह संविधान बचाने की लड़ाई है। यह लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है। हम एक साफ़-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं।”

प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “सरकार डरी हुई है और कायरतापूर्ण रवैया अपना रही है।”

शशि थरूर ने कहा, राहुल गांधी ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब मिलना चाहिए। चुनाव आयोग की न सिर्फ देश के प्रति जिम्मेदारी है, बल्कि उसकी अपनी भी जिम्मेदारी है कि जनता के मन में हमारे चुनावों की विश्वसनीयता को लेकर कोई संदेह न रहे। चुनाव पूरे देश के लिए मायने रखते हैं।

हमारा लोकतंत्र इतना अनमोल है कि इसे इस संदेह से खतरे में नहीं डाला जा सकता कि कहीं डुप्लीकेट वोटिंग तो नहीं, कहीं कई पते तो नहीं, या कहीं फर्जी वोट तो नहीं।अ

गर लोगों के मन में कोई संदेह है, तो उसका समाधान किया जाना चाहिए। मेरा बस यही अनुरोध है कि चुनाव आयोग इन सवालों को लेकर उनका समाधान करे।

प्रदर्शन में महिला सांसद बेहोश हुईं

मार्च मकर द्वार से शुरू हुआ थामार्च संसद के मकर द्वार से शुरू हुआ।

सांसदों के हाथों में ‘वोट बचाओ’ के बैनर थे। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इंडिया ब्लॉक ने मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी है, इसलिए इलेक्शन कमीशन जाने से पहले ही मार्च को परिवहन भवन के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया।

प्रदर्शन के दौरान टीएमसी सांसद मिताली बाग की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने मदद की।

इससे पहले दोनों सदनों में इस मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

क्या है SIR प्रक्रिया?

स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) एक विशेष मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया है, जिसमें डुप्लीकेट वोटर्स और फर्जी नामों की जांच की जाती है।

विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल वोटर सप्रेसन के लिए किया जा रहा है।

बिहार वोटर लिस्ट विवाद

  • 2.93 करोड़ वोटर्स का वेरिफिकेशन
  • चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की।
  • वेरिफिकेशन का काम 25 जून से 26 जुलाई 2025 के बीच होना है। इससे पहले जनवरी 2003 में बिहार में SIR हुआ था।
  • आयोग के अनुसार, इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और अवैध मतदाताओं, जैसे विदेशी नागरिकों, मृत व्यक्तियों या स्थानांतरित लोगों को हटाना था।
  • जरूरी बातः जिन वोटर का SIR साल 2003 की प्रक्रिया में हो चुका है, उनको किसी तरह के दस्तावेज की जरूरत नहीं है। इसके चलते करीब 60 फीसदी यानी 4.96 करोड़ वोटर्स को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा।
  • चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार में कुल 7 करोड़ 80 लाख 22 हजार 933 मतदाता हैं।
  • 4.96 लोग वोटर्स वेरिफिकेशन से पहले ही बाहर है।
  • 2.93 लोग वोटर्स वेरिफिकेशन प्रोसेस में शामिल हैं।

अब क्या होगा?

विपक्ष ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह पारदर्शी तरीके से जांच करे और मतदाता सूची में हो रही अनियमितताओं को रोके।

इस मामले में राजनीतिक तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि विपक्ष सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है।

इस प्रदर्शन ने एक बार फिर चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अब देखना होगा कि चुनाव आयोग और सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है।

- Advertisement -spot_img