Balochistan Bus Attack: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में एक भीषण आतंकी हमले में 9 निर्दोष यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
यह घटना N-40 हाईवे पर हुई, जहां कालेटा से लाहौर जा रही एक यात्री बस को सशस्त्र हमलावरों ने रोक लिया।
हमलावरों ने यात्रियों के पहचान पत्रों की जांच की और पंजाब प्रांत के नौ पुरुष यात्रियों को अलग करके उनका अपहरण कर लिया।
करीब एक घंटे बाद, इन यात्रियों की लाशें एक पुल के नीचे पहाड़ी इलाके में मिलीं।
सभी को करीब से गोली मारकर हत्या की गई थी।
हमलावरों की संख्या 10-12
मृतक यात्रियों में अधिकांश पंजाब के मंडी बहाउद्दीन, गुजरानवाला और वजीराबाद के निवासी थे।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों की संख्या 10-12 थी, जिन्होंने सुरक्षा बलों पर RPG (रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड) और स्वचालित हथियारों से हमला किया।
हमले के बाद आतंकी फरार हो गए, और सुरक्षा बल उन्हें पकड़ने में अब तक विफल रहे हैं।
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— Ijaz Khan Sahu (@IjazKhanSahu) July 11, 2025
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान सरकार और बलूचिस्तान प्रशासन ने इस हमले को “सुनियोजित आतंकवादी घटना” बताते हुए कड़ी निंदा की है।
प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और दोषियों को सख्त सजा देने का वादा किया।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने इस हमले को “देश के खिलाफ युद्ध” करार दिया और कहा कि आतंकवादियों को जल्द ही पकड़ा जाएगा।


सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने बलूचिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकार ने पहले ही N-70 हाईवे पर रात्रिकालीन यात्रा पर प्रतिबंध लगाया था और सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए थे, लेकिन फिर भी ऐसी घटना होना चिंताजनक है।
HRCP is deeply grieved by the killing of at least nine passengers who were ordered to disembark from Punjab-bound coaches and were subsequently shot near the border between districts Loralai and Zhob in Balochistan.
This wanton violence against labourers and common citizens is…
— Human Rights Commission of Pakistan (@HRCP87) July 11, 2025
बलूचिस्तान में लगातार हिंसा
बलूचिस्तान, जो ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से सटा है, लंबे समय से विद्रोही हिंसा का केंद्र रहा है।
यह घटना न केवल बलूचिस्तान बल्कि पूरे पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सुरक्षा चुनौती है।
बलूच विद्रोही समूह सुरक्षा बलों, सरकारी परियोजनाओं और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को निशाना बनाते रहे हैं।

बलूचिस्तान में लगातार हो रहे हिंसक हमले देश की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं।
सरकार ने दोषियों को पकड़ने का वादा किया है, लेकिन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है।