Supreme Court On Stray Dogs: देश में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को लेकर चल रहे लंबे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त, शुक्रवार को एक ऐतिहासिक और संतुलित फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने मानवीय सुरक्षा और पशु कल्याण के बीच एक बेहतरीन संतुलन बनाते हुए कई अहम निर्देश जारी किए हैं।
इस फैसले का असर पूरे देश पर होगा और इसके तहत सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना खिलाने वालों पर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
‘खूंखार’ और ‘सामान्य’ कुत्तों के लिए अलग-अलग नियम
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों वाली विशेष पीठ ने फैसला सुनाया कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को नसबंदी (Sterilization) और टीकाकरण (Vaccination) कराने के बाद उन्हें उसी इलाके में वापस छोड़ दिया जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था।
हालांकि, इससे रेबीज से संक्रमित या फिर बेहद आक्रामक और खूंखार कुत्तों को बाहर रखा गया है।
ऐसे खतरनाक कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखा जाएगा।
Stray dogs in Delhi NCR matter | Supreme Court modifies August 11 order saying stray dogs will released back to the same area after sterilisation and immunisation, except those infected with rabies or exhibiting aggressive behaviour. pic.twitter.com/3s3o6ccQR1
— ANI (@ANI) August 22, 2025
यह फैसला 11 अगस्त के उस पुराने आदेश में बदलाव है, जिसमें कहा गया था कि सभी आवारा कुत्तों को दिल्ली-एनसीआर के आवासीय इलाकों से हटाकर शेल्टर में भेजा जाए।
नए फैसले ने उस आदेश पर रोक लगा दी है।
सार्वजनिक जगह पर खाना देने पर पाबंदी और 2 लाख जुर्माना
फैसले की सबसे चर्चित और महत्वपूर्ण बात यह है कि अब सड़कों, पार्कों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा।
अगर कोई व्यक्ति ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है, तो उस पर 25,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है।
#WATCH | Over SC order on stray dogs in Delhi-NCR, Supreme Court lawyer and petitioner Nanita Sharma says, “This is a balanced order. The court has involved all states in this case. All matters regarding dog issues pending in all courts in all states will be brought under one.… pic.twitter.com/4fm0VtsLdX
— ANI (@ANI) August 22, 2025
लेकिन कोर्ट ने पशुप्रेमियों की भावनाओं का भी ख्याल रखा है।
उसने नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे कुत्तों को खाना खिलाने के लिए विशेष रूप से निर्धारित जगहें (Designated Feeding Spots) बनाएं।
इसका मतलब है कि अब कुत्तों को खाना सिर्फ इन्हीं अलग से बनाई गई जगहों पर दिया जा सकेगा।
फैसले की मुख्य बातें एक नजर में:
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नसबंदी और वापसी: पकड़े गए स्वस्थ कुत्तों की नसबंदी, डी-वॉर्मिंग और वैक्सीन लगाए जाने के बाद उन्हें उनके मूल इलाके में छोड़ा जाएगा।
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खतरनाक कुत्तों को कैद: रेबीज ग्रस्त या अत्यधिक आक्रामक कुत्तों को सड़क पर नहीं छोड़ा जाएगा, उन्हें शेल्टर में रखा जाएगा।
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खाना देने के नए नियम: सार्वजनिक स्थानों पर खाना खिलाना प्रतिबंधित। निर्धारित स्थानों पर ही खिलाने की अनुमति।
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हेल्पलाइन शुरू: कुत्तों से जुड़ी किसी भी समस्या की शिकायत करने के लिए एक विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा।
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गोद लेने की अपील: कोर्ट ने पशु प्रेमियों से अपील की है कि वे शेल्टर होम के कुत्तों को गोद ले सकते हैं।
देशव्यापी प्रभाव
यह आदेश सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे भारत में लागू होगा।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसका पालन करना होगा।
क्यों आया यह फैसला?
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में तब पहुंचा जब देश में आवारा कुत्तों के हमलों और रेबीज से होने वाली मौतों की घटनाओं पर कोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया।
11 अगस्त को कोर्ट ने एक कड़ा आदेश पारित करते हुए कहा था कि सभी आवारा कुत्तों को आवासीय इलाकों से हटाकर शेल्टर में भेजा जाए।
इस आदेश का पशु कल्याण संगठनों और डॉग लवर्स ने जोरदार विरोध किया।
इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की एक विशेष पीठ का गठन किया गया, जिसने यह अहम फैसला सुनाया।
आगे की राह
सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले को एक राष्ट्रीय स्तर की नीति (National Policy) की जरूरत बताई है।
कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को इस मामले में पक्षकार बनाया है और देश की अन्य अदालतों में लंबित सभी ऐसे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अब इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर 2025 में होगी।
इस फैसले को एक संतुलित और व्यावहारिक कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जो एक तरफ जहां आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, वहीं दूसरी तरफ आवारा कुत्तों के कल्याण और उनके अधिकारों का भी ध्यान रखता है।
अब यह स्थानीय नगर निगमों और नागरिकों की जिम्मेदारी होगी कि वे इन नियमों का पालन करें ताकि मानव और पशु, दोनों का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बना रहे।