Martyr Hariom Nagar Funeral मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के अग्निवीर जवान हरिओम नागर (22 वर्ष) को मंगलवार को उनके पैतृक गांव टूटियाहेड़ी में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
हरिओम नागर लद्दाख के लेह में हिमस्खलन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे।
उनकी पार्थिव देह को भोपाल से राजगढ़ लाया गया, जहां हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
6 किलोमीटर लंबा काफिला, 4000 वाहनों ने दी श्रद्धांजलि
हरिओम नागर की अंतिम यात्रा में करीब 3000 बाइक और 1000 चार पहिया वाहन शामिल हुए।
यह काफिला 6 किलोमीटर लंबा था, जिसमें स्कूली बच्चे, स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि शामिल थे।
अंतिम यात्रा पचोर के पुरानी बाजार, सराफा बाजार और मुख्य चौक होते हुए थाना परिसर पहुंची, जहां थाना प्रभारी शकुंतला बामनिया ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की।

CM ने दी श्रद्धांजलि
सीएम डॉ मोहन यादव ने सैनिक हरिओम नागर को श्रद्धांजलि दी है।
उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजन के साथ हैं।
मध्यप्रदेश की माटी के वीर सपूत का सर्वोच्च बलिदान मां भारती की सेवा और रक्षा के लिए सदैव देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने बाबा महाकाल से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने के लिए भी प्रार्थना की है।
जम्मू-कश्मीर में कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए मध्यप्रदेश के लाल श्री हरिओम नागर जी को विनम्र श्रद्धांजलि।
आपका सर्वोच्च बलिदान प्रत्येक देशवासी को मां भारती की सेवा और रक्षा के लिए सदा प्रेरणा देता रहेगा।
मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। बाबा महाकाल… pic.twitter.com/chvPUQ6SDt
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 20, 2025
सैन्य सम्मान और राष्ट्रभक्ति गीतों के बीच अंतिम संस्कार
शहीद की पार्थिव देह को उनके गांव टूटियाहेड़ी ले जाया गया, जहां सुबह 11 बजे सैन्य सम्मान और धार्मिक विधि के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
गांव के श्मशान घाट पर पूरी तैयारी की गई थी।
शहीद के परिवार में माता-पिता, भाई और दादा मौजूद थे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल था।
अमर शहीद श्री हरिओम नागर जी को सादर नमन 🇮🇳
मां भारती की रक्षा करते हुए जम्मू-कश्मीर में वीरगति को प्राप्त हुए राजगढ़ जिले के ग्राम टूटियाहैड़ी निवासी अग्निवीर अमर शहीद श्री हरिओम नागर जी का पार्थिव शरीर आज भोपाल एयरपोर्ट लाया गया,
1/3 pic.twitter.com/qaYbnZ6cAG— Rakesh Shukla (@RakeshShukla_12) July 21, 2025
हरिओम नागर
- जन्म- 2003
- मृत्यु – जुलाई 2025
- अग्निवीर भर्ती हुए- अप्रैल 2024
- पिता-दुर्गाप्रसाद नागा
- परिवार- मां-पिता और दो भाई
- पैतृक गांव – टूटियाहेड़ी
एक सप्ताह पहले ही छुट्टी पर आए थे घर
हरिओम नागर का चयन अग्निवीर योजना के तहत एक साल पहले हुआ था।
वह एक सप्ताह पहले ही छुट्टी पर घर आए थे। उनके पिता दुर्गाप्रसाद नागर गांव में किसान हैं, जबकि बड़े भाई बालचंद नागर एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं।
जेसीबी पर तिरंगा लहराकर दी श्रद्धांजलि
अंतिम यात्रा के दौरान कुछ युवाओं ने जेसीबी मशीन के पंजे पर चढ़कर तिरंगा लहराया और “हरिओम अमर रहें”, “भारत माता की जय” के नारे लगाए।
पूरे क्षेत्र में बाजार बंद रहे और स्कूलों में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं।
सांसद और मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि
इस मौके पर सांसद रोडमल नागर, राज्यमंत्री गौतम टेटवाल और नगर परिषद अध्यक्ष विकास करोड़िया मौजूद रहे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने भी शहीद को सलामी दी।

रविवार को हुई थी शहादत
हरिओम नागर रविवार को लेह में ड्यूटी के दौरान एक बड़े पहाड़ के टूटकर गिरने से शहीद हो गए थे।
उनकी पार्थिव देह सोमवार को भोपाल लाई गई और फिर राजगढ़ पहुंचाई गई।
शहीद हरिओम नागर की वीरता और बलिदान को पूरा देश सलाम कर रहा है।
उनका सपना देश की सेवा करने का था, जिसे उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर पूरा किया।
इस तरह राजगढ़ ने अपने बहादुर सपूत को भावभीनी विदाई दी और उनके बलिदान को याद किया। जय हिंद, जय जवान!