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6 किमी लंबा काफिला, 4000 गाड़ियां: 22 साल के शहीद हरिओम नागर को ऐसी दी गई अंतिम विदाई

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Martyr Hariom Nagar Funeral मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के अग्निवीर जवान हरिओम नागर (22 वर्ष) को मंगलवार को उनके पैतृक गांव टूटियाहेड़ी में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

हरिओम नागर लद्दाख के लेह में हिमस्खलन की चपेट में आकर शहीद हो गए थे।

उनकी पार्थिव देह को भोपाल से राजगढ़ लाया गया, जहां हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

6 किलोमीटर लंबा काफिला, 4000 वाहनों ने दी श्रद्धांजलि

हरिओम नागर की अंतिम यात्रा में करीब 3000 बाइक और 1000 चार पहिया वाहन शामिल हुए।

यह काफिला 6 किलोमीटर लंबा था, जिसमें स्कूली बच्चे, स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि शामिल थे।

अंतिम यात्रा पचोर के पुरानी बाजार, सराफा बाजार और मुख्य चौक होते हुए थाना परिसर पहुंची, जहां थाना प्रभारी शकुंतला बामनिया ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की।

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CM ने दी श्रद्धांजलि

सीएम डॉ मोहन यादव ने सैनिक हरिओम नागर को श्रद्धांजलि दी है।

उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजन के साथ हैं।

मध्यप्रदेश की माटी के वीर सपूत का सर्वोच्च बलिदान मां भारती की सेवा और रक्षा के लिए सदैव देशवासियों को प्रेरित करता रहेगा।

मुख्यमंत्री ने बाबा महाकाल से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने के लिए भी प्रार्थना की है।

सैन्य सम्मान और राष्ट्रभक्ति गीतों के बीच अंतिम संस्कार

शहीद की पार्थिव देह को उनके गांव टूटियाहेड़ी ले जाया गया, जहां सुबह 11 बजे सैन्य सम्मान और धार्मिक विधि के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

गांव के श्मशान घाट पर पूरी तैयारी की गई थी।

शहीद के परिवार में माता-पिता, भाई और दादा मौजूद थे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल था।

हरिओम नागर

  • जन्म- 2003
  • मृत्यु – जुलाई 2025
  • अग्निवीर भर्ती हुए- अप्रैल 2024
  • पिता-दुर्गाप्रसाद नागा
  • परिवार- मां-पिता और दो भाई
  • पैतृक गांव – टूटियाहेड़ी

एक सप्ताह पहले ही छुट्टी पर आए थे घर

हरिओम नागर का चयन अग्निवीर योजना के तहत एक साल पहले हुआ था।

वह एक सप्ताह पहले ही छुट्टी पर घर आए थे। उनके पिता दुर्गाप्रसाद नागर गांव में किसान हैं, जबकि बड़े भाई बालचंद नागर एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं।

जेसीबी पर तिरंगा लहराकर दी श्रद्धांजलि

अंतिम यात्रा के दौरान कुछ युवाओं ने जेसीबी मशीन के पंजे पर चढ़कर तिरंगा लहराया और “हरिओम अमर रहें”, “भारत माता की जय” के नारे लगाए।

पूरे क्षेत्र में बाजार बंद रहे और स्कूलों में श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की गईं।

सांसद और मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि

इस मौके पर सांसद रोडमल नागर, राज्यमंत्री गौतम टेटवाल और नगर परिषद अध्यक्ष विकास करोड़िया मौजूद रहे।

प्रशासनिक अधिकारियों ने भी शहीद को सलामी दी।

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रविवार को हुई थी शहादत

हरिओम नागर रविवार को लेह में ड्यूटी के दौरान एक बड़े पहाड़ के टूटकर गिरने से शहीद हो गए थे।

उनकी पार्थिव देह सोमवार को भोपाल लाई गई और फिर राजगढ़ पहुंचाई गई।

शहीद हरिओम नागर की वीरता और बलिदान को पूरा देश सलाम कर रहा है।

उनका सपना देश की सेवा करने का था, जिसे उन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर पूरा किया।

इस तरह राजगढ़ ने अपने बहादुर सपूत को भावभीनी विदाई दी और उनके बलिदान को याद किया। जय हिंद, जय जवान!

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