Pulwama attack FATF Report: 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया था।
जैश-ए-मोहम्मद के आदिल अहमद डार नामक आत्मघाती हमलावर ने अपनी गाड़ी से CRPF की बस को टक्कर मार दी। जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।
इस हमले को लेकर अब FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
FATF की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक पदार्थ ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से खरीदे गए थे।
इस खुलासे ने सभी को हैरान कर दिया है।
आइए जानते हैं क्या है इस रिपोर्ट में…
कैसे हुई खरीदारी?
जांच में पता चला कि हमले में इस्तेमाल एल्यूमीनियम पाउडर (जो धमाके की तीव्रता बढ़ाता है) अमेजन के जरिए ऑनलाइन ऑर्डर किया गया था।
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अब पहली बार उसकी फंडिंग का डिजिटल लिंक सामने आया है।

FATF की रिपोर्ट की अहम बातें…
- संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद-रोधी इकाई (UN CTED) और FATF की एक रिपोर्ट के अनुसार, 80 से अधिक देशों में आतंकी फंडिंग की जांच करने और अपराध साबित करने में 69% देश विफल रहे हैं।
- अगर इन्हें समय पर ठीक नहीं किया गया तो आतंकी संगठन मौजूदा कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे।
- FATF की इस रिपोर्ट का नाम ‘कॉम्प्रिहेंसिव अपडेट ऑन टेररिस्ट फाइनेंसिंग रिस्क’ है।
- 131 पेज की यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे आतंकवाद की फंडिंग के तरीके बदल रहे हैं।
- इसमें यह बताया गया है कि किस तरह आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को जारी रखने और हमले करने के लिए करते हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए खतरा है।
- FATF ने सभी देशों को सलाह दी है कि वे वित्तीय नेटवर्क की निगरानी बढ़ाएं।
- संदिग्ध गतिविधियों (जैसे भुगतान, यात्रा या सोशल मीडिया पैटर्न) को पहचानने के लिए टूल विकसित करें और सरकारी व निजी क्षेत्र के बीच डेटा साझा करें।
गोरखनाथ मंदिर हमलावर को PayPal से मिले थे पैसे
FATF ने अपनी रिपोर्ट में 2022 के गोरखनाथ मंदिर हमले का भी जिक्र किया है, जहां आतंकी मुर्तजा अब्बासी ने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था।
PayPal का गलत इस्तेमाल: अब्बासी ने VPN का उपयोग करके अपनी लोकेशन छिपाई और 6.7 लाख रुपए विदेशों से PayPal के जरिए प्राप्त किए।
डिजिटल फुटप्रिंट: उसके डिवाइस से जब्त सामग्री में जेहादी वीडियो और हथियारों के सबूत मिले, जिसके बाद PayPal ने उसका अकाउंट बंद कर दिया।
FATF की चेतावनी: ई-कॉमर्स और डिजिटल पेमेंट्स का दुरुपयोग
FATF ने अपनी 131 पेज की रिपोर्ट में आगाह किया है कि आतंकी संगठन अब पारंपरिक फंडिंग के बजाय ऑनलाइन माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं:
खतरनाक ट्रेंड:
- गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया के जरिए फंड ट्रांसफर।
- क्रिप्टोकरेंसी और प्रीपेड कार्ड्स का उपयोग।
FATF की सिफारिशें:
- सरकारें संदिग्ध ट्रांजैक्शन पर नजर रखें।
- प्राइवेट कंपनियां (जैसे अमेजन, PayPal) यूजर वेरिफिकेशन सख्त करें।
क्या है FATF
- FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) दुनियाभर में आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था है।
- 39 देश इसके सदस्य है
- 1989 में G7 देशों की पहल पर स्थापना
- पेरिस में हेडक्वॉर्टर, हर साल होती हैं 3 मीटिंग
- 1990 में पहली बार सिफारिशें लागू
- 1996-2012 तक 4 बार एक्ट अपडेशन
- 2010 से भारत FATF मेंबर

भारत की मांग – पाकिस्तान को FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में वापस लें
FATF ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले (2025) की निंदा की है।
भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान को फिर से ग्रे लिस्ट में डाला जाए, क्योंकि वह आतंकी गुटों को फंडिंग उपलब्ध करा रहा है।
“डिजिटल दुनिया आतंकवाद के लिए नया अड्डा बन रही है। FATF की यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर सख्त नियमों की मांग करती है।”
इस रिपोर्ट के बाद भारत सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों से सख्त KYC (Know Your Customer) नियम लागू करने को कहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।