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क्या सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल? पेट्रोलियम मंत्री ने दिया बड़ा बयान

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Petrol Diesel Price: भारत में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम लोगों की जेब पर भारी बोझ डाला है। लेकिन अब एक राहत भरी खबर सामने आई है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संकेत दिया है कि अगर कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी रहीं, तो अगले 3-4 महीनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी आ सकती है।

क्यों घट सकती हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें?

हरदीप सिंह पुरी के अनुसार, दुनिया भर में नए तेल स्रोतों की खोज और आपूर्ति बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आ सकती है।

उन्होंने कहा, “तेल की कीमतें कम होंगी क्योंकि नए स्रोत सामने आ रहे हैं। अब हमारे पास तेल की आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था है।”

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भारत ने अपने तेल आयात को विविधित किया है और अब 40 देशों से कच्चा तेल खरीद रहा है, जबकि पहले केवल कुछ देशों पर निर्भरता थी। इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत हुई है।

भारत की बढ़ती भूमिका: वैश्विक तेल बाजार में 25% तक पहुंच सकता है योगदान

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि भारत अब वैश्विक तेल बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन चुका है।

वर्तमान में भारत का योगदान 16% है, जो आने वाले वर्षों में 25% तक पहुंच सकता है।

यह दर्शाता है कि भारत न केवल तेल का बड़ा उपभोक्ता है, बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार को प्रभावित करने की क्षमता भी रखता है।

रूस से तेल आयात पर अमेरिका का दबाव

अमेरिका ने रूस के साथ तेल व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध (Secondary Sanctions) की चेतावनी दी थी। लेकिन भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा।

पुरी ने कहा, “अगर रूस को तेल बाजार से बाहर कर दिया जाता, तो कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुँच जातीं।”

भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदकर न केवल घरेलू कीमतों को नियंत्रित किया है, बल्कि वैश्विक तेल बाजार को भी स्थिर रखने में मदद की है।

क्या होगा भविष्य में? तेल की कीमतें 65-70 डॉलर प्रति बैरल के बीच रह सकती हैं

पेट्रोलियम मंत्री के अनुसार, अगर वैश्विक स्थितियां अनुकूल रहीं, तो कच्चे तेल की कीमतें 65-70 डॉलर प्रति बैरल के बीच बनी रह सकती हैं।

इससे भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद है।

अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं और भारत की आपूर्ति श्रृंखला मजबूत बनी रहती है, तो जल्द ही पेट्रोल-डीजल के दामों में गिरावट देखने को मिल सकती है।

यह न केवल आम लोगों के लिए राहत की खबर होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी सकारात्मक संकेत होगा।

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