NEET-UG Supreme Court: NEET-UG परीक्षा में बिजली गुल होने का मामला सुप्रीम कोर्ट कर पहुंच गया है।
अब 47 छात्रों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।
दरअसल, इंदौर और उज्जैन के कई परीक्षा केंद्रों पर 4 मई को आंधी-बारिश के कारण बिजली चली गई थी, जिससे 600 से अधिक छात्रों की परीक्षा प्रभावित हुई।
छात्रों का आरोप है कि बैकअप बिजली की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें समय का नुकसान हुआ, जिससे उनके रिजल्ट पर असर पड़ा।
इस मामले में 75 छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें दोबारा परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई थी।
हालांकि, इंदौर हाईकोर्ट ने NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के पक्ष में फैसला सुनाते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
छात्रों के वकील मृदुल भटनागर ने बताया कि बुधवार सुबह 4 बजे ऑनलाइन याचिका दाखिल की गई थी।
उन्होंने अर्जेंट सुनवाई की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने अगले हफ्ते सुनवाई तय की है।
भटनागर ने कहा कि 75 में से 47 छात्र ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, जबकि बाकी छात्रों के अलग-अलग कारण हो सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि यदि मामले की नियमित सुनवाई होगी, तो छात्रों की अलग से काउंसलिंग की जाएगी।
हाईकोर्ट ने क्यों खारिज की याचिकाएं?
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि NTA ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाकर मामले की जांच की थी।
समिति ने पुनः परीक्षा कराने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।
कोर्ट ने कहा कि “यह NEET-UG 2025 की पुनः परीक्षा के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।”

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने NTA की तरफ से कहा था कि 22 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी और सभी केंद्रों पर बिजली की पर्याप्त व्यवस्था थी।
उन्होंने दावा किया कि जिन केंद्रों पर बिजली गुल हुई, वहां भी बैकअप की सुविधा मौजूद थी।
हालांकि, छात्रों के वकील ने इसका खंडन करते हुए कहा कि “NTA की रिपोर्ट सही नहीं है और उन्होंने फीस के नाम पर 350 करोड़ रुपए लिए, लेकिन बिजली की उचित व्यवस्था नहीं की।”

क्या होगा आगे?
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सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।
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यदि छात्रों की याचिका स्वीकार होती है, तो पुनः परीक्षा या काउंसलिंग की संभावना हो सकती है।
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NTA ने पहले ही सभी छात्रों का रिजल्ट जारी कर दिया है, जिससे छात्रों को चिंता है कि उनके अंक प्रभावित हुए हैं।