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जीतू पटवारी पर FIR मामले में कांग्रेस ने लगाया आरोप, बीजेपी के दबाव में युवक ने बदला बयान

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Jitu Patwari FIR Case: मध्यप्रदेश में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज FIR को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने दावा किया कि युवक पर दबाव डालकर झूठा शपथ-पत्र बनवाया गया।

उन्होंने बताया कि पीड़ित युवक पहले कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा था, लेकिन न्याय न मिलने पर उसने आत्महत्या का प्रयास किया था।

कांग्रेस का पक्ष – “युवक पर दबाव डाला गया”

कांग्रेस नेताओं सुखदेव पांसे और पीसी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि BJP ने युवक को डरा-धमकाकर झूठा शपथ पत्र लिखवाया है।

उनके मुताबिक गजराज पहले भी कलेक्टर के पास शिकायत लेकर गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि जीतू पटवारी के दौरे के दौरान युवक ने स्वयं उनसे मुलाकात कर अपनी समस्या बताई थी, जिसके बाद पटवारी ने कलेक्टर को फोन कर कार्रवाई का आग्रह किया।

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कांग्रेस ने युवक के बयान बदलने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब BJP के दबाव में युवक ने बयान बदल दिया है। दबाव हटने पर वह सच बोलेगा।

कांग्रेस अन्याय के खिलाफ लड़ेगी”: पीसी शर्मा

कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया कि जीतू पटवारी मुंगावली गए ही नहीं थे, और गांव में सरपंच का पति ही सारे फैसले ले रहा है।

उन्होंने मांग की कि कलेक्टर और एसपी को हटाया जाए और हाईकोर्ट के जज के नेतृत्व में जांच होनी चाहिए।

साथ ही, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी दबाव में झूठी FIR दर्ज कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में एक युवक गजराज लोधी ने आरोप लगाया था कि गांव के सरपंच के बेटे विकास और उसके साथियों ने उसे मारपीट कर मानव मल खिलाया।

इसके बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले को उठाया और पुलिस-प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की धमकी दी।

लेकिन 27 जून को गजराज लोधी ने अपने बयान से पलटते हुए कलेक्टर को एक शपथ पत्र देकर कहा कि उसके साथ मल खिलाने की कोई घटना नहीं हुई।

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जीतू पटवारी पर लगाया दबाव डालने का आरोप

उसने आरोप लगाया कि जीतू पटवारी ने उसे झूठा वीडियो बनाने के लिए दबाव डाला और बदले में आर्थिक मदद का लालच दिया।

इसके बाद पुलिस ने जीतू पटवारी के खिलाफ जातीय वैमनस्य फैलाने और झूठा केस बनाने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कर ली है।

BJP का आरोप – “कांग्रेस ने झूठ फैलाया”

BJP का कहना है कि कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने झूठा वीडियो बनवाकर सामाजिक तनाव फैलाने की कोशिश की। पुलिस ने FIR में आरोप लगाया है कि:

  • जीतू पटवारी ने गजराज को झूठा बयान देने के लिए प्रेरित किया।

  • इस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करवाया गया, जिससे जातीय विवाद पैदा हो सकता था।

  • केस BNS (भारतीय न्याय संहिता) की धाराओं 61(2), 196, 197, 229, 237 और 353 के तहत दर्ज किया गया है।

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मामले का राजनीतिक असर

यह मामला मध्य प्रदेश की राजनीति में नया विवाद बन गया है।

कांग्रेस का आरोप है कि BJP सरकार दलितों और पिछड़ों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को छुपा रही है, जबकि BJP का कहना है कि कांग्रेस नेता झूठे मामले गढ़कर समाज में तनाव फैला रहे हैं।

आगे क्या होगा?

  • जीतू पटवारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है।

  • कांग्रेस ने हाईकोर्ट से जांच की मांग की है।

  • यदि मामला बढ़ा, तो यह मध्य प्रदेश में दलित-सवर्ण राजनीति का नया मुद्दा बन सकता है।

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