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जम्मू के डोडा-किश्तवाड़ में बादल फटने से भारी तबाही, 10 से ज्यादा घर बहे- अब तक 4 की मौत

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Doda Kishtwar Cloud Burst: जम्मू-कश्मीर के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है।

भारी बारिश और अचानक आए सैलाब के कारण कई घर, सड़कें और पुल बह गए हैं।

डोडा जिले के भलेसा, थाथरी और मरमत जैसे इलाकों में बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिससे 10 से ज्यादा घर पूरी तरह बर्बाद हो गए।

24 घंटे में 4 की मौत

डोडा में पिछले 24 घंटे के दौरान 4 लोगों की मौत हुई है।

एक अधिकारी ने बताया कि दो लोगों की मौत घर गिरने से हुई, जबकि दो की मौत लगातार बारिश के कारण आई अचानक बाढ़ में हुई है।

बाढ़ में रिहायशी इलाकों और अन्य संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा है।

चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ा

चिनाब नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिसके कारण बघलियार और सलाल पावर प्रोजेक्ट के बांधों को बचाने के लिए उनके गेट खोलने की तैयारी की जा रही है।

प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, और जिला प्रशासन के साथ-साथ आपदा प्रबंधन टीमें दिन-रात काम कर रही हैं।

भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद

बटोटे-किश्तवाड़ नेशनल हाईवे (NH-244) को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप है।

इसके अलावा, जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे (NH-44) भी भूस्खलन की वजह से बंद कर दिया गया है।

रामबन जिले में चंदरकोट, केला मोड़ और बैटरी चश्मा जैसे इलाकों में पहाड़ों से पत्थर गिरने के कारण यह कदम उठाया गया।

यह हाईवे कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र बारहमासी मार्ग है।

14 अगस्त को फटा था बादल

इससे पहले, किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में 14 अगस्त को बादल फटा था।

इसमें 65 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 लोग अब भी लापता हैं।

बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में मचैल माता यात्रा के लिए पहुंचे कई श्रद्धालु, उनकी बसें, टेंट, लंगर और दुकानें बह गई थीं।

वैष्णोदेवी यात्रा रुकी, स्कूल बंद

भारी बारिश के कारण वैष्णोदेवी यात्रा को भी अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।

किश्तवाड़, डोडा और राजौरी के ऊंचाई वाले इलाकों में करीब एक दर्जन घरों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।

मौसम विभाग ने पहले ही कठुआ, सांबा, डोडा, जम्मू, रामबन और किश्तवाड़ जैसे जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी थी।

इस चेतावनी के बाद स्कूलों को बंद कर दिया गया और ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा गया।

किश्तवाड़ में त्राइथ नाला के पास पैडर सड़क और डोडा में जंगलवार-थाथरी सड़क भी भूस्खलन के कारण बंद हैं।

हिमाचल में 750 सड़के बंद

दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है।

पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश के कारण राज्य में 750 से ज्यादा सड़कें बंद हो गई हैं।

मनाली में मनाली-लेह नेशनल हाईवे का एक बड़ा हिस्सा ब्यास नदी के तेज बहाव में बह गया।

इसके साथ ही, मनाली में एक रेस्टोरेंट और चार दुकानें भी नदी में बह गईं।

मंडी के बालीचौकी में दो इमारतें ढह गईं, जिनमें 40 से ज्यादा दुकानें थीं। हालांकि, इन घटनाओं में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।

हिमाचल में एक एसडीएम ने बताया कि लगातार बारिश के कारण कई घरों में दरारें आ गई हैं, और कुछ घर रहने लायक नहीं बचे हैं।

प्रशासन प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों जैसे सरकारी भवनों में शिफ्ट कर रहा है।

लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, और नुकसान का आकलन करने के लिए जल्द ही एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

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