Fake BPL Card Scam: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक बार फिर बड़ा घोटाला सामने आया है।
यहां SDM (सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट) की नकली मुहर और हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर फर्जी BPL (गरीबी रेखा से नीचे) कार्ड जारी किए गए थे।
यह मामला गोरखपुर थाना क्षेत्र में सामने आया है, जहां एक महिला ने सरकारी अधिकारी होने का दावा करके लोगों से पैसे लेकर जाली BPL कार्ड बनवाए।
पुलिस ने आरोपी महिला सरिता उर्फ पीहू कोष्टा के खिलाफ धाराओं में FIR दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा?
इस मामले का पता तब चला जब नगर निगम के कछपुरा जोन में कुछ लोगों ने BPL कार्ड जमा किए। निगम अधिकारियों ने जब इन कार्डों की जांच की, तो पाया कि ये असली नहीं हैं।

इसके बाद अनुविभागीय अधिकारी (SDM) के निर्देश पर नायब तहसीलदार राजेश मिश्रा और पटवारी प्रभात परौहा की एक जांच टीम बनाई गई।
जांच में पता चला कि 7 लोगों (उर्मिला शर्मा, नेहा चक्रवर्ती, सोहिल यादव, प्रियंका बेन, रुक्मणि पटेल, किरण बर्मन और रिया केवट) के नाम से फर्जी BPL कार्ड जारी किए गए थे।
इन कार्डों पर SDM कार्यालय की नकली मुहर और हस्ताक्षर थे, जबकि सरकारी रिकॉर्ड में इनका कोई जिक्र नहीं था।
आरोपी महिला ने खुद को अधिकारी बताकर ठगा
मामले में मुख्य आरोपी सरिता कोष्टा है, जो खुद को SDM कार्यालय से जुड़ी बताकर लोगों से 2000 से 5000 रुपये लेकर फर्जी कार्ड बनवाती थी।
वह लोगों को बताती थी कि उसके “ऊपर तक कनेक्शन” हैं और वह “स्पेशल कोटे” से BPL कार्ड बनवा सकती है।

जांच में यह भी पता चला कि SDM कार्यालय के कंप्यूटर ऑपरेटर रितु रैकवार और उसके देवर राहुल बर्मन का भी इस घोटाले में संदिग्ध रोल हो सकता है, हालांकि अभी उनके खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं मिला है।
पुलिस ने किन धाराओं में दर्ज की FIR?
गोरखपुर थाना पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2) के तहत केस दर्ज किया है।
ये धाराएं जालसाजी, सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी से जुड़ी हैं।
पुलिस अब सभी संदिग्धों से पूछताछ कर रही है और मामले में और नाम सामने आने की संभावना है।

सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए बनवाए जा रहे थे फर्जी कार्ड
BPL कार्ड गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं जैसे राशन, आवास, छात्रवृत्ति और मेडिकल सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए जारी किए जाते हैं।
लेकिन इस घोटाले में अपात्र लोगों ने फर्जी कार्ड बनवाकर इन योजनाओं का गलत फायदा उठाने की कोशिश की।
SDM कार्यालय के अंदरूनी लोगों की भूमिका पर शक
इस मामले ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि बिना किसी अंदरूनी मदद के SDM की मुहर और सिग्नेचर की नकल करना मुश्किल है।
पुलिस अब कार्यालय के अन्य कर्मचारियों की भी जांच कर रही है।

आगे क्या होगा
- पुलिस आरोपी महिला और अन्य संदिग्धों से पूछताछ करेगी।
- SDM कार्यालय के रिकॉर्ड की जांच की जाएगी।
- फर्जी कार्ड बनवाने वाले लाभार्थियों से भी सवाल किए जाएंगे।
- तकनीकी जांच (कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजैक्शन) की जाएगी।
जबलपुर में फर्जी BPL कार्ड का यह मामला एक बड़े सिस्टमेटिक धोखाधड़ी का संकेत देता है।
पुलिस और प्रशासन की जांच से उम्मीद है कि सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी और भविष्य में ऐसे घोटालों को रोका जा सकेगा।
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