Mossad Headquarters Attack: इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध के पांचवें दिन भी तनाव बना हुआ है।
ईरान ने मंगलवार को इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के हेडक्वार्टर और सैन्य खुफिया इमारत (AMAN) पर हवाई हमला किया।
ईरानी मीडिया ने दावा किया है कि हर्जलिया स्थित मोसाद मुख्यालय को निशाना बनाया गया और इमारत को काफी नुकसान पहुंचा।
इस हमले के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें धुएं के गुबार दिखाई दे रहे हैं।
इजरायल की मोसाद का हेडक्वार्टर स्वाहा…..🫡#IranIsraelConflict #IranIsrael #Iran #IsraelTerroristState pic.twitter.com/jYMf2tiAd9
— Rebel_Warriors (@Rebel_Warriors) June 17, 2025
ईरानी सेना के जनरल अली शादमानी को मार गिराया
इस बीच, इजराइल ने भी ईरानी सेना के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल अली शादमानी को मार गिराया।
शादमानी को महज चार दिन पहले ही खतम-अल-अनबिया सैन्य कमान का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
वह 13 जून को इजराइली हमले में मारे गए मेजर जनरल गुलाम अली राशिद की जगह लिए थे।
BREAKING 🔴🔴
The IDF confirms the killing of Major General Ali Shadmani, Iran’s newly appointed chief of staff. He was named to the role just two days ago after his predecessor was killed in an Israeli strike on Tehran. pic.twitter.com/HKR3sAImV7
— Open Source Intel (@Osint613) June 17, 2025
अब तक इस युद्ध में 224 ईरानी सैनिक मारे गए हैं, जबकि 1,481 घायल हुए हैं।
इजराइल की तरफ से 24 लोगों की मौत और 600 से अधिक घायल होने की खबर है।
मोसाद: दुनिया की सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी
मोसाद इजराइल की प्रमुख खुफिया एजेंसी है, जिसे 13 दिसंबर 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड बेन-गुरियन ने स्थापित किया था।
यह एजेंसी जासूसी, गुप्त ऑपरेशन और आतंकवाद रोधी गतिविधियों के लिए जानी जाती है।

🔴 Breaking:
“A targeted operation at the Mosad headquarters resulted in the loss of nearly 90% of critical data, severely impacting the organization’s sensitive information.”Iran and Israel #IranIsrael pic.twitter.com/fUVPtrCdYm
— Pulse Of Iran🇮🇷 (@NiyaziSpeak) June 17, 2025
मोसाद को दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसियों में गिना जाता है, जो कई बड़े ऑपरेशन अंजाम दे चुकी है।
भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकाला गया
इजराइल-ईरान युद्ध के बीच भारत ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
भारतीय दूतावास ने तेहरान में रह रहे 100 से अधिक भारतीय छात्रों को आर्मेनिया के रास्ते निकाल लिया है।
इनमें ज्यादातर मेडिकल के छात्र शामिल हैं, जो ईरान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे थे।
Ministry of External Affairs says, “Indian students in Tehran have been moved out of the city for reasons of safety, through arrangements made by the Embassy. Other residents who are self-sufficient in terms of transport have also been advised to move out of the city in view of… pic.twitter.com/InjS4WLCeK
— ANI (@ANI) June 17, 2025
भारत सरकार की एडवाइजरी
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तेहरान और तेल अवीव में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है।
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इजराइल में मौजूद भारतीयों को बंकरों में रहने की सलाह दी गई है।
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भारतीय दूतावास लगातार 24×7 हेल्पलाइन चला रहा है।
ईरान में लगभग 10,000 भारतीय छात्र पढ़ते हैं, जिनमें 1,500 कश्मीरी छात्र भी शामिल हैं।
भारत सरकार उन्हें जॉर्जिया या पश्चिम एशिया के रास्ते वापस लाने की योजना बना रही है।
A CLEAR FOOTAGE OF STRIKES ON ISRAELI INTELLIGENCE AGENCY ASSETS pic.twitter.com/pbZMGppGEK
— Iran Observer (@IranObserver0) June 17, 2025
इजराइल-ईरान युद्ध का वैश्विक प्रभाव
इस युद्ध से न केवल मध्य पूर्व बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
अगर संघर्ष बढ़ता है, तो तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है, जिससे पेट्रोल-डीजल महंगा हो सकता है।
इसका सीधा असर आम लोगों के जीवन पर पड़ेगा।
क्या होगा आगे?
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों से युद्धविराम की अपील कर रहा है।
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अमेरिका और यूरोपीय देश संयम बरतने की सलाह दे रहे हैं।
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भारत ने शांति और कूटनीतिक समाधान पर जोर दिया है।