Golu Shukla Rule Violation: इंदौर शहर में बिना हेलमेट पेट्रोल न देने का नियम लागू होने के बाद भी विधायक गोलू शुक्ला के परिवार के स्वामित्व वाले पेट्रोल पंप पर इसकी खुलकर अनदेखी की जा रही है।
जबकि शहर के अन्य पेट्रोल पंपों पर इस नियम का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
इंदौर के मरीमाता चौराहे पर स्थित शुक्ला ब्रदर्स पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों को भी पेट्रोल दिया जा रहा है।
प्रशासन की सख्ती के बावजूद नियमों की धज्जियां
इंदौर प्रशासन ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के निर्देशों का पालन करते हुए “नो हेलमेट, नो पेट्रोल” नियम लागू किया है।
इसके तहत सभी पेट्रोल पंपों को बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं देने के निर्देश दिए गए हैं।
हालांकि, विधायक गोलू शुक्ला के परिवार के पेट्रोल पंप पर यह नियम लागू नहीं हो रहा है।

पेट्रोल पंप पर पहुंची टीम, लगाई फटकार
इस सूचना के बाद प्रशासन की टीम पेट्रोल पंप पर पहुंची और फटकार लगाई।
उन्होंने कहा कि अब बगैर हेलमेट पेट्रोल न दिया जाए और अगर ऐसा करते पाए गए तो पेट्रोल पंप सील कर दिया जाएगा।
इसके बाद से अब यहां हेलमेट पहने चालकों को ही पेट्रोल दिया जा रहा है।
इस पेट्रोल पंप के करीब दो और पेट्रोल पंप हैं, जहां नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है।

इसी बीच, क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) ने भी अपने परिसर में “नो हेलमेट, नो एंट्री” का नियम लागू किया है।
गुरुवार को RTO कार्यालय में प्रवेश करने वाले 10 बिना हेलमेट वाले वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया गया और उन्हें चेतावनी दी गई कि अगली बार ऐसा करने पर उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा।
गोलू शुक्ला और विवाद
ये पहला मौका नहीं है जब गोलू शुक्ला किसी विवाद में फंसे हैं।
कुछ दिन पहले ही उन पर महाकाल के गर्भगृह में जबरन घुसने के आरोप लगे थे।
इसे लेकर भाजपा संगठन ने उन्हें फटकार भी लगाई थी।
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हाई कोर्ट में चुनौती
इंदौर कलेक्टर के इस आदेश को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रितेश ईनानी ने एक जनहित याचिका दायर करते हुए कहा है कि “पेट्रोल खरीदते समय हेलमेट पहनने का सड़क सुरक्षा से कोई तार्किक संबंध नहीं है।”

याचिका में आरोप लगाया गया है कि पहले से ही ट्रैफिक पुलिस के पास हेलमेट न पहनने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार हैं।
ऐसे में यह नियम नागरिकों के लिए अनावश्यक परेशानी पैदा कर रहा है।
साथ ही, यह भी सवाल उठाया गया है कि “क्या दो महीने तक बिना हेलमेट पेट्रोल न देने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधर जाएगी?”

इंदौर में हेलमेट नियम को लेकर प्रशासन की सख्ती और विधायक के परिवार के पेट्रोल पंप पर इसकी अनदेखी एक बड़ा विरोधाभास पैदा कर रही है।
जहां एक ओर आम जनता को नियमों का पालन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, वहीं सत्ता के नजदीकी लोग इन नियमों से ऊपर दिखाई दे रहे हैं।
अब देखना यह है कि हाई कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है और प्रशासन इस उल्लंघन पर क्या कार्रवाई करता है।
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