Jabalpur Fake Currency Racket: जबलपुर पुलिस ने एक बड़े नकली करेंसी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस को आरोपियों के पास से करीब 5 लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं।
इस मामले में मुख्य आरोपी ऋतुराज विश्वकर्मा है, जिसने 8 महीने तक रिसर्च करके नकली नोट बनाने की तकनीक विकसित की थी।
कैसे पकड़ा गया गिरोह?
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि मंडी मदार-टेकरी के पास एक संदिग्ध व्यक्ति (रवि दाहिया) बड़ी मात्रा में 500 रुपए के नोट लेकर खड़ा है।
जब पुलिस ने उसे रोका और उसके बैग की तलाशी ली, तो 2.94 लाख रुपए के नकली नोट मिले।
पूछताछ में रवि ने ऋतुराज विश्वकर्मा का नाम बताया, जिसके बाद पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा।

घर में ही चल रहा था नकली नोटों का कारखाना
ऋतुराज ने अपने घर के एक कमरे में ही नकली नोट बनाने का कारखाना लगा रखा था।
पुलिस को वहां से लैपटॉप, प्रिंटर, कटिंग मशीन, व्हाइट पेपर और 4.88 लाख रुपए के नकली नोट मिले।
ऋतुराज ने बताया कि वह पेंट सॉफ्टवेयर की मदद से 500 रुपए के नोट की डिजाइन तैयार करता था और फिर प्रिंटर से छापकर उन्हें काटता था।
कौन है ऋतुराज विश्वकर्मा?
-
शिक्षा: बीबीए और आईआईबीएम (IIBM) का बैंकिंग कोर्स किया हुआ।
-
पेशा: दिन में प्राइवेट नौकरी करता था, रात में नकली नोट बनाता था।
-
मकसद: जल्दी अमीर बनने की चाहत ने अपराध की राह पर धकेला।
-
तरीका: यूट्यूब और गूगल से 8 महीने तक नोट बनाने की तकनीक सीखी।

ऋतुराज ने पुलिस को बताया कि उसने कई फिल्में और वेब सीरीज देखकर नकली नोट बनाने का आइडिया लिया।
उसने आरबीआई के गाइडलाइन्स को स्टडी किया और फिर खुद ही नोट डिजाइन करना शुरू किया।
ऐसे बनाएं नकली नोट
-
डिजाइनिंग: लैपटॉप पर पेंट सॉफ्टवेयर से 500 के नोट की हूबहू डिजाइन तैयार की।
-
प्रिंटिंग: हाई-क्वालिटी प्रिंटर से नोट छापे गए।
-
कटिंग: नोटों को सही साइज में काटा गया।
-
फिनिशिंग: सिल्वर कलर से चांदी की लाइन बनाई गई ताकि नोट असली जैसे लगें।
हालांकि, नकली नोटों में कुछ कमियां थीं:
-
नोट का पेपर असली से थोड़ा मोटा था।
-
नोटों को गिनते समय वे आसानी से नहीं खिसकते थे।

गिरोह के पकड़े जाने की वजह
ऋतुराज और रवि के बीच 70-30 का डील था। यानी अगर नकली नोट बाजार में बिकते तो ऋतुराज को 70% और रवि को 30% हिस्सा मिलता।
उनकी योजना थी कि अगर कोई बड़ी मात्रा में नकली नोट खरीदता तो उसे 25% असली नोट भी दिए जाते।
लेकिन, नकली नोटों की क्वालिटी अच्छी नहीं होने की वजह से रवि पकड़ा गया और इसी के चलते ऋतुराज का भी पर्दाफाश हुआ।

पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई
-
ऋतुराज और रवि को 2 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
-
पुलिस को शक है कि यह गिरोह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नकली नोट चला रहा था।
-
संभावना है कि और भी सदस्य इस गिरोह से जुड़े होंगे, जिनकी तलाश जारी है।
ऋतुराज विश्वकर्मा की जल्दी अमीर बनने की चाहत ने उसे गलत राह पर डाल दिया, लेकिन पुलिस ने उसकी करतूत को बेनकाब कर दिया।
अब उसके और साथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।