Bageshwar Dham Women trafficking: हाल ही में मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया है।
लखनऊ विश्वविद्यालय (LU) के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर धीरेंद्र शास्त्री पर महिला तस्करी का सनसनीखेज आरोप लगाया।
इस पोस्ट ने धार्मिक और सामाजिक माहौल को गर्म कर दिया, जिसके बाद प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज की गई।
आइए, जानते हैं क्या है पूरा मामला…
विवाद की शुरुआत: एक पोस्ट ने मचाया बवाल
31 जुलाई 2025 को प्रोफेसर रविकांत चंदन ने अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट डाला, जिसमें उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री पर गंभीर आरोप लगाए।

पोस्ट में उन्होंने लिखा कि धीरेंद्र शास्त्री “धर्म की आड़ में महिला तस्करी” कर रहे हैं और उनकी गहन जांच होनी चाहिए।
इतना ही नहीं, उन्होंने यह तक कह डाला कि अगर धीरेंद्र दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। बागेश्वर धाम के भक्तों और समर्थकों में गुस्सा भड़क उठा, और मामला पुलिस तक पहुंच गया।
FIR दर्ज: धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप
छतरपुर के बमीठा थाने में 3 अगस्त 2025 को बागेश्वर धाम जन सेवा समिति के धीरेंद्र कुमार गौर ने प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
शिकायत में कहा गया कि प्रोफेसर का पोस्ट झूठा और भ्रामक है, जिसका मकसद धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना और समाज में नफरत फैलाना है।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 353(2) के तहत FIR दर्ज की।
इस धारा के तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठी जानकारी फैलाकर किसी की भावनाओं को आहत करता है या दुश्मनी को बढ़ावा देता है, तो उसे तीन साल तक की सजा हो सकती है।
एंबुलेंस में महिलाओं को ले जाने का मामला
यह पूरा विवाद 28 जुलाई 2025 की रात से शुरू हुआ, जब छतरपुर पुलिस ने एक एंबुलेंस को रोका।
इस एंबुलेंस में कुछ महिलाएं थीं, जिन्होंने पुलिस को बताया कि बागेश्वर धाम के कुछ सेवादारों ने उन्हें धमकी दी और जबरन एंबुलेंस में बैठाकर महोबा रेलवे स्टेशन भेजा जा रहा था।
यह सुनकर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि ये महिलाएं पिछले छह महीनों से बागेश्वर धाम में रह रही थीं और उन पर चोरी व छिनैती जैसे कुछ आरोप भी थे। हालांकि, पुलिस ने जांच के बाद इन महिलाओं को छोड़ दिया।
28-29 जुलाई की रात मध्य प्रदेश के छतरपुर लवकुश नगर थाना क्षेत्र में रात्रि करीब 9 बजे पत्रकारों को सूचना मिली के बागेश्वर धाम से एक एंबुलेंस की मदद से 12-13 महिलाओं का “अपहरण” कर के ले जाया जा रहा है।
कुछ पत्रकारों ने एंबुलेंस का पीछा कर उन्हें रोका। पता चला… pic.twitter.com/XycTsC6Kpi
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) July 31, 2025
इसी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसे प्रोफेसर रविकांत ने अपने पोस्ट में शेयर किया और धीरेंद्र शास्त्री पर सवाल उठाए।
उनके इस पोस्ट ने पूरे मामले को और तूल दे दिया।
धीरेंद्र शास्त्री का जवाब: भक्तों से की यह अपील
इस विवाद के बाद पं. धीरेंद्र शास्त्री ने अपने भक्तों से शांति बनाए रखने की अपील की। विदेश से एक वीडियो जारी करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारी से सावधान रहें।
उन्होंने अपने समर्थकों से अनुरोध किया कि अगर किसी को बागेश्वर धाम या इसके कार्यों के बारे में कोई शक हो, तो पहले धाम या स्थानीय प्रशासन से सत्यापन करें।
उन्होंने यह भी कहा कि सनातन धर्म की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन यह धर्म हमेशा से प्रकाशमान रहा है और आगे भी रहेगा।

बागेश्वर धाम जन सेवा समिति ने भी एक प्रेस नोट जारी कर इस तरह की भ्रामक खबरों पर चिंता जताई और लोगों से सही जानकारी साझा करने की अपील की।
कौन हैं प्रोफेसर रविकांत
- 2002 में ग्रेजुएशन -बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
- 2004 में पोस्ट ग्रेजुएशन – जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी
- 2006 में असि. प्रोफेसर -लखनऊ यूनिवर्सिटी
- 2017 में पीएचडी – लखनऊ यूनिवर्सिटी
- 2019 से एसोसिएट प्रोफेसर – लखनऊ यूनिवर्सिटी
- रिसर्च – कथा साहित्य, हिंदू-मुस्लिम संबंध, समकालीन विमर्श

प्रोफेसर रविकांत: विवादों का पुराना नाता
प्रोफेसर रविकांत चंदन कोई नए नाम नहीं हैं। वह पहले भी अपने विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रह चुके हैं
दो महीने पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला बोला था और मुस्कान व सोनम रघुवंशी को संघी विचारधारा का परिणाम बताया था।
इस पोस्ट के खिलाफ भी हसनगंज थाने में शिकायत दर्ज हुई थी।
इसके अलावा, 2022 में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद पर उनकी टिप्पणी ने भी बड़ा बवाल मचाया था।
एक बार तो उनके साथ छात्रों ने मारपीट भी की थी, जिसके बाद एक छात्र को यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया

क्या होगा आगे?
इस मामले ने सोशल मीडिया से लेकर धार्मिक और शैक्षणिक हलकों तक हलचल मचा दी है।
एक तरफ बागेश्वर धाम के समर्थक धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में उतर आए हैं, वहीं प्रोफेसर रविकांत के बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है।
फिलहाल मामले की जांच चल रही है अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विवाद का अंत कैसे होता है।
क्या प्रोफेसर रविकांत अपने बयान पर कायम रहेंगे, या फिर यह मामला कोर्ट तक जाएगा?
Professor Ravikant Chandan, Dhirendra Shastri, women trafficking, Bageshwar Dham, Women trafficking allegations, Chhatarpur, Dhirendra Shastri controversy