क्या है पूरा मामला?
मध्य प्रदेश में ओबीसी अधिवक्ता कल्याण संघ ने हाई कोर्ट से मांग की थी कि कर्नाटक की तर्ज पर प्रदेश की सभी अदालतों में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर लगाई जाए।
इस मांग के बाद विधि विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमति लेकर हाई कोर्ट को पत्र भेजा।
सीएम ऑफिस का मेल लगाकर कोर्ट को भेजा पत्र
एमपी के लॉ डिपार्टमेंट ने इस संबंध में हाईकोर्ट को पत्र भेजा है।
इस पत्र के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय का ईमेल और ओबीसी अधिवक्ता कल्याण संघ, जबलपुर का पत्र भी जोड़ा गया है।
संघ के अध्यक्ष परमानंद साहू और वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कहा कि यह मांग संवैधानिक समानता के आधार पर की गई है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने पहले ही लागू किया था यह नियम
इससे पहले, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 20 जून को एक आदेश जारी कर सभी न्यायालय कक्षों में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर लगाने का निर्णय लिया था।
मध्य प्रदेश सरकार ने भी अब इसी मॉडल को अपनाने का फैसला किया है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह फैसला?
डॉ. अंबेडकर भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार थे और उनका योगदान न्यायिक व्यवस्था में अहम रहा है।
अदालतों में उनकी तस्वीर लगाने से न्यायिक प्रक्रिया में उनके योगदान को सम्मान मिलेगा।
इसके अलावा, यह कदम सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है।