Bhopal 90 degree ROB Controversy: मध्य प्रदेश के भोपाल का 90 डिग्री वाला ब्रिज एक बार फिर चर्चा में है।
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल के ऐशबाग इलाके में बने इस रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का उद्घाटन करने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने ब्रिज के 90 डिग्री के तीखे मोड़ को सुरक्षा के लिए खतरनाक बताया और कहा कि जब तक इसमें सुधार नहीं होता, तब तक उद्घाटन नहीं होगा।
सीएम ने अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस फैसले के बाद अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें। साथ ही, मोड़ को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाएं।
सीएम ने यह भी कहा है कि जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह समस्या उत्पन्न हुई है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ब्रिज की डिजाइन में क्या है खामी?
इस आरओबी की डिजाइन को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठाए गए थे। जांच में पाया गया कि:
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ब्रिज का टर्निंग रेडियस (मोड़ का घुमाव) बेहद तीखा है, जिससे बड़े वाहनों के पलटने का खतरा है।
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सड़क का एंगल 119 डिग्री है, जबकि ब्रिज की दीवार 90 डिग्री पर बनी है, जिससे वाहनों के लिए संतुलन बनाना मुश्किल होगा।
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चौड़ाई कम होने के कारण दो बड़े वाहन एक साथ नहीं निकल पाएंगे।

क्या कहती है जांच रिपोर्ट?
एक विशेषज्ञ समिति ने ब्रिज की जांच की और चौंकाने वाले तथ्य सामने रखे:
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पीडब्ल्यूडी और रेलवे के बीच समन्वय की कमी से डिजाइन में गलतियां हुईं।
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डिजाइन एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की सिफारिश की गई।
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पूर्व अधिकारियों (संजय खांडे, शबाना रज्जाक) पर लापरवाही के आरोप लगे।
सुधार के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
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ब्रिज की चौड़ाई बढ़ाकर 12 मीटर की जाएगी।
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टर्निंग रेडियस को ठीक करने के लिए दीवारों में बदलाव किया जाएगा।
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स्पीड कंट्रोल के उपाय (साइनबोर्ड, रफ सरफेस) लगाए जाएंगे।
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दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मौत का मोड़ – कांग्रेस
कांग्रेस ने इसे “मौत का मोड़” बताया और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि यह ब्रिज भविष्य में दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

18 करोड़ का प्रोजेक्ट
यह रेलवे ओवरब्रिज 18 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है।
2017-18 में इसका स्वीकृत हुआ था और इसे 648 मीटर लंबा तथा 8 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है।
लेकिन इसका काम छह साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है।
जनवरी 2023 में रेलवे और पीडब्ल्यूडी ने इसके डिजाइन को अंतिम रूप दिया था और इस पर काम शुरू किया गया था।
ब्रिज के सभी खर्चो का लिया जाएगा हिसाब
पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि सीएम ने दो प्रमुख निर्देश जारी किए हैं।
पहला, 2018-19 और 2020-21 के दौरान इस परियोजना पर निगरानी रखने वाले अधिकारियों की पहचान की जाएगी।
साथ ही इसके डिजाइन की स्वीकृति देने वाले को स्पष्ट किया जाएगा।
इसके लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
दूसरा, रेलवे से समन्वय करके ब्रिज की मरम्मत के लिए आवश्यक सभी खर्चो का हिसाब लिया जाएगा और उसे स्वीकृत किया जाएगा।
This 90-degree Bhopal bridge is such an Engineering Marvel that…
Not even a Plane crash, Helicopter crash, Bridge collapse, or a near World War 3 situation between Iran & Israel is stopping People from talking about it
— eena Jain (@DrJain21) June 16, 2025
बहरहाल, सीएम मोहन यादव के हस्तक्षेप के बाद अब सुधारात्मक कार्रवाई शुरू हुई है।
लेकिन यह मामला सरकारी परियोजनाओं में उचित निगरानी और जवाबदेही की जरूरत को उजागर करता है।
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