Chamoli Cloudburst: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बारिश और बादल फटने से भयंकर तबाही हुई है।
थराली इलाके में हुई इस प्राकृतिक आपदा के कारण कई घर और सड़कें मलबे में दब गई हैं, जबकि एक युवक और युवती के लापता होने की खबर है।
प्रशासन और बचाव दल राहत कार्य में जुटे हैं।
बादल फटने से थराली में तबाही का मंजर
बीती रात हुई भारी बारिश के बाद पानी और मलबे का सैलाब थराली बाजार, कोटदीप और तहसील परिसर में घुस गया।
कई घर और दुकानें मलबे में दब गए, जबकि सड़कों पर खड़ी गाड़ियां भी बह गईं या दब गईं।
सगवाड़ा गांव में एक युवक और युवती के लापता होने की सूचना है, जबकि एक लड़की के मलबे में दबे होने की आशंका है।
NDRF, SDRF और पुलिस की टीमें बारिश के बीच बचाव कार्य में जुटी हैं।
नदियां उफान पर, स्कूल बंद और अलर्ट
बादल फटने के बाद पिंडर और प्राणमती नदियां उफान पर हैं, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
थराली, देवाल और नारायणबगड़ विकासखंडों के स्कूलों को अवकाश घोषित किया गया है।
प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तराखंड में अगले 5 दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे भूस्खलन और जलभराव का खतरा और बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक, राहत कार्य जारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा पर दुख जताया और लापता लोगों के सुरक्षित मिलने की कामना की।
उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं।
चमोली के जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) मौके पर हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि थराली में SDM के घर समेत कई इमारतों में मलबा और पानी भर गया है।
पिछली घटनाओं ने बढ़ाई चिंता
यह घटना उत्तराखंड में बादल फटने की एक और दुखद घटना है।
इससे पहले 9 जुलाई 2025 को चमोली में और 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी के धराली गांव व हर्षिल घाटी में बादल फटने से भीषण तबाही हुई थी।
उत्तरकाशी की घटना में 4 लोगों की मौत हुई थी और 50 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे, जिनका अब तक पता नहीं चल सका है।
इन घटनाओं ने राज्य में प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता और तैयारियों की जरूरत को रेखांकित किया है।