Sonia Gandhi Voter ID Controversy: पिछले कुछ दिनों से वोट चोरी का मुद्दा पूरे देश में गर्माया हुआ है।
कांग्रेसे सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार इलेक्शन कमीशन पर वोट चोरी के आरोप लगा रहे हैं और भाजपा से मिले होने का दावा कर रहे हैं।
राहुल ने ये भी दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में धांधली की वजह से ही पीएम मोदी प्रधानमंत्री बन पाए हैं।
इन विवादों के बीच अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के वोटर रिकॉर्ड को लेकर बड़ा आरोप लगाया है।
भाजपा की आईटी सेल प्रमुख अमिल मालवीय ने बुधवार 13 अगस्त को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट किया है।
इसमें ये दावा किया गया कि सोनिया गांधी का नाम भारत की वोटर लिस्ट में दो बार तब शामिल किया गया, जब वह भारतीय नागरिक भी नहीं थीं।

1980 और 1983 में वोटर लिस्ट में कैसे जुड़ा नाम?
अमित मालवीय ने पोस्ट में लिखा:
1980 में पहली बार नाम जोड़ा गया: सोनिया गांधी का नाम नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के पोलिंग स्टेशन 145 पर क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया, जबकि उस समय वे इटली की नागरिक थीं।
1983 में दोबारा नाम जोड़ा गया: 1982 में उनका नाम हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से पोलिंग स्टेशन 140 पर नाम दर्ज किया गया।
हैरानी की बात यह है कि उस समय भी वे भारतीय नागरिक नहीं बनी थीं (उन्हें नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को मिली)।
मालवीय ने लिखा, ‘यह पूरा मामला चुनावी कानून के स्पष्ट उल्लंघन का उदाहरण है। शायद यही कारण है कि राहुल गांधी भी ऐसे मतदाताओं को वैध करने के पक्ष में रहते हैं, जो अयोग्य या अवैध हैं और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का विरोध करते हैं।’
मालवीय ने सवाल उठाया, “क्या यह चुनावी धोखाधड़ी नहीं है?”
मालवीय ने यह सवाल भी उठाया कि सोनिया गांधी ने राजीव गांधी से शादी के 15 साल बाद जाकर ही भारतीय नागरिकता क्यों ली।
उन्होंने कहा कि एक ही व्यक्ति का नाम दो बार बिना नागरिकता के वोटर लिस्ट में आना चुनावी गड़बड़ी (Electoral Malpractice) का गंभीर मामला है।


अनुराग ठाकुर ने रायबरेली की वोटर लिस्ट पर उठाए सवाल
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी बुधवार, 13 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके रायबरेली लोकसभा सीट की वोटर लिस्ट में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया। उन्होंने कहा:
- एक ही घर (हाउस नंबर 189) पर 47 वोटर्स रजिस्टर किए गए हैं।
- मोहम्मद कैफ खान का नाम तीन अलग-अलग बूथ (83, 151, 218) पर दर्ज है।
- पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर में एक ही घर पर अलग-अलग धर्मों के वोटर्स रजिस्टर हैं।
ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल जी, आप दो बार चुनाव लड़ चुके हैं, क्या आपको ये गड़बड़ियां कभी नहीं दिखीं?”
ना शपथ पत्र देते हैं, ना सबूत देते हैं..
आख़िर राहुल गांधी जी को किस बात का डर है? pic.twitter.com/zpnFAPizSp
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 13, 2025
राहुल गांधी vs चुनाव आयोग: क्या है पूरा विवाद?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को चुनाव आयोग (EC) पर आरोप लगाया था कि “भाजपा के साथ मिलकर वोट चोरी की गई।”
उन्होंने कर्नाटक की वोटर लिस्ट में संदिग्ध नाम दिखाए और महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का आरोप लगाया।

पूरी खबर यहां पढ़ें-
राहुल गांधी का प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा दावा: “चुनाव में धांधली की वजह से BJP सत्ता में आई वरना मोदी PM न होते”
चुनाव आयोग ने मांगा जवाब
- 8 अगस्त: EC ने राहुल से शपथपत्र पर आरोपों की पुष्टि करने को कहा।
- 10 अगस्त: कर्नाटक CEO ने राहुल को नोटिस भेजकर सबूत मांगे।
राहुल ने जवाब दिया, “मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है, फिर अलग से हलफनामा क्यों?”
पूरी खबर यहां पढ़ें-
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों पर चुनाव आयोग का जवाब- सबूत पेश करों नहीं तो देश से माफी मांगों

कांग्रेस का पुराना रिकॉर्ड: हारने के बाद EVM और चुनाव आयोग को कोसना
अनुराग ठाकुर ने कहा कि “कांग्रेस हर हार के बाद नया बहाना ढूंढती है।”
- 2014, 2019 में EVM को दोष दिया।
- अब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप।
- 1952 में बी.आर. अंबेडकर को हराने में भी कांग्रेस ने चुनावी गड़बड़ी की थी।
गांधी परिवार व कांग्रेस पार्टी की शुरू से परंपरा रही है कि, अगर वो चुनाव हार जाते हैं तो चुनाव आयोग, मतदाताओं या चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं।
इंदिरा गांधी जी ने कहा था, मतदाता मूर्खों का समूह हैं। राजीव गांधी जी चुनाव हार गए, तो उन्होंने बैलेट पेपर को दोषी… pic.twitter.com/cxtA7mpUV8
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) August 13, 2025
राजनीतिक जंग तेज
भाजपा और कांग्रेस के बीच वोटर लिस्ट को लेकर तीखी बहस जारी है।
जहां भाजपा सोनिया गांधी के वोटर रिकॉर्ड पर सवाल उठा रही है, वहीं कांग्रेस चुनाव आयोग पर भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगा रही है।
अब देखना यह है कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कार्रवाई करता है?