Aniruddhacharya on Live In: प्रसिद्ध कथावाचक और हमेशा सुर्खियों में बने रहने वाले अनिरुद्धाचार्य महाराज ने एक बार फिर एक ऐसा विवादित बयान दिया है जिसने सोशल मीडिया और समाज में तूफान ला दिया है।
उन्होंने ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ यानी बिना शादी के साथ रहने की प्रथा पर अपनी टिप्पणी में इसे “कुत्ते-बिल्लियों का कल्चर” बताया है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के अधिकारों पर एक बड़ा फैसला सुनाया है, जिससे इस विवाद को और भी हवा मिल गई है।
बाबा ने क्या कहा?
अनिरुद्धाचार्य महाराज ने अपने संबोधन में कहा,
“लिव इन में कुत्ते-बिल्ली रहते हैं। हमारे देश के कुत्ते हजारों साल से लिव इन में ही रहते हैं। ये लिव इन कुत्तों का कल्चर है।”
लिव इन रिलेशनशिप पर ये क्या बोल गए अनिरुद्धाचार्य#LiveinRelationship #Aniruddhacharya #NewsUpdates pic.twitter.com/xQNy0nOWVZ
— News Nation (@NewsNationTV) August 22, 2025
उनके इस बयान के बाद से ही सोशल मीडिया और आम जनता में मिले-जुले रिएक्शन सामने आ रहे हैं।
जहां एक तरफ कुछ लोग उनके इस विचार का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में लोग, खासकर युवा वर्ग, इस टिप्पणी को आपत्तिजनक और अतार्किक मान रहे हैं।
पहले भी बने रह चुके हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब अनिरुद्धाचार्य महाराज ने विवादित बयान दिया है।
कुछ समय पहले, उन्होंने लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर कहा था कि “लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले ही कर देनी चाहिए। क्योकि 25 साल तक की लड़कियां चार जगह मुंह मार चुकी होती है। ऐसे में वो अच्छी पत्नी नहीं बन पाती है।
इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ और मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि कथावाचक को माफी भी मांगनी पड़ी।

बयानों की वजह से रहते हैं सुर्खियों में
अनिरुद्धाचार्य अक्सर सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर अपने सख्त और रूढ़िवादी विचार रखते हैं, जो चर्चा और विवाद का विषय बन जाते हैं।
उनके समर्थकों का मानना है कि वह हमेशा सच बोलते हैं और समाज को सही दिशा दिखाने की कोशिश करते हैं।
वहीं, आलोचकों का कहना है कि वह अक्सर विवादित बयान देकर समाज में गलत संदेश फैलाते हैं और उनकी टिप्पणियाँ सनातन धर्म की मूल भावना के विपरीत हैं।

कौन हैं अनिरुद्धाचार्य महाराज?
- अनिरुद्धाचार्य का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
- आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने केवल माध्यमिक स्तर तक ही पढ़ाई की।
- इसके बाद उन्होंने रामानुजाचार्य संप्रदाय के गृहस्थ संत श्री गिरिराज शास्त्री से धर्म की शिक्षा ली।
- वह एक प्रसिद्ध कथावाचक हैं और उनके देश-विदेश में लाखों भक्त हैं।
- उनका YouTube चैनल लाखों सब्सक्राइबर्स के साथ बेहद लोकप्रिय है, जहां श्रीमद्भागवत कथा के उनके प्रवचन करोड़ों बार देखे जाते हैं।
- उन्होंने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाते हुए अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका की universities से ‘ह्यूमैनिटी एंड स्पिरिचुअल एजुकेशन’ में दो डॉक्टरेट की उपाधियां हासिल की हैं।
- साल 2023 में उन्हें World Book of Records, London से भी सम्मानित किया जा चुका है।
समाज की बदलती तस्वीर
अनिरुद्धाचार्य का यह बयान एक बार फिर उस बड़े सवाल को उठाता है कि क्या धर्मगुरुओं का काम समाज को उपदेश देना है या फिर उन परंपराओं की आलोचना करना है जो आधुनिक समय में बदल रही हैं?
लिव-इन रिलेशनशिप जैसे व्यक्तिगत फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी है।
ऐसे में, इस तरह के बयान न केवल युवाओं को धर्म से दूर कर सकते हैं, बल्कि समाज में एक वर्ग के बीच रोष भी पैदा कर सकते हैं।
यह विवाद एक बार फिर साबित करता है कि परंपरा और आधुनिकता के बीच का विवाद जारी रहने वाला है।