Akhilesh Yadav Nepal Protest: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए चौंकाने वाला बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे तो भारत में भी नेपाल जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
इस बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है। जानें और क्या कहा अखिलेश यादव ने
अखिलेश यादव ने जताई चिंता, कहा- “नेपाल जैसे हालात बन सकते हैं”
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यह बड़ा बयान दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनावों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है।
उन्होंने खासतौर पर अयोध्या में हुए चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि वहां बाहर से लोगों को लाकर वोट डलवाए गए और वोटों की चोरी हुई।
अखिलेश ने कहा, “पड़ोसी देश नेपाल में जनता जो कर रही है, हो सकता है कि वह यहां भी करती दिखाई दे। अगर यही हालात रहे तो भारत में भी नेपाल जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।”
#WATCH | Lucknow, UP: SP chief and MP Akhilesh Yadav says, “It’s the Election Commission’s responsibility to ensure that no vote is stolen anywhere… Everyone knows that when they couldn’t win elections through vote theft, they tried to stop the vote with the power of a… pic.twitter.com/ioUa1aYr6D
— ANI (@ANI) September 12, 2025
नेपाल में हाल ही में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जहां लोग भ्रष्टाचार और संवैधानिक संकट के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
अखिलेश का इशारा इन्हीं हालात की तरफ था।
किसानों को किया सम्मानित, पहनी पगड़ी
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवार वालों से मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया।
इस मौके पर वह सिख पगड़ी बांधे नजर आए और उन्होंने एक पंजाबी गीत भी लॉन्च किया।
VIDEO | Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) wears a Sikh turban during a press conference in Lucknow.#Lucknow #Sikh
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/v5F0xdczNT
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2025
यूपी की सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
उन्होंने उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध, महिलाओं की सुरक्षा और डिजिटल गिरफ्तारियों पर भी चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि डिजिटल गिरफ्तारियों के मामले में यूपी देश में नंबर वन पर है और महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं।
Lucknow, Uttar Pradesh: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav says, “Not only kidnapping, but digital arrests have also increased on a large scale in Uttar Pradesh. In digital arrests, UP ranks number one in crimes. Women are the most vulnerable, and UP is at the forefront…” pic.twitter.com/r1xyY0ddDw
— IANS (@ians_india) September 12, 2025
MP में BJP विधायक ने जताई ‘गृहयुद्ध’ की आशंका
इसी तरह का एक विवादास्पद बयान मध्य प्रदेश के एक भाजपा विधायक ने भी दिया, जिसमें उन्होंने देश में गृहयुद्ध (सिविल वॉर) जैसी स्थिति की आशंका जताई।
यहां गुना जिले के भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने एक कार्यक्रम में देश में गृहयुद्ध जैसे हालात होने की आशंका जताई।
उन्होंने पड़ोसी देशों जैसे श्रीलंका, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और नेपाल में अशांति का हवाला देते हुए कहा कि अगर 18 से 30 साल के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण (मिलिट्री ट्रेनिंग) नहीं दिया गया, तो भारत में भी गृहयुद्ध जैसे हालात बन सकते हैं।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जिलाधिकारी (कलेक्टर) से भी अनुरोध किया कि युवाओं के लिए सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। उनके इस बयान के बाद राजनीति में हड़कंप मच गया।
“Give Military Training to Youth Aged Between 18 to 30 to Avert Potential Civil War in The Country.”
Says Madhya Pradesh’s BJP MLA, Pannalal Shakya.#India #Nepal #BJP #Military #Guna pic.twitter.com/kbGf6tOd6c
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) September 12, 2025
BJP और कांग्रेस ने की जमकर प्रतिक्रिया
विधायक पन्नालाल शाक्य के इस बयान पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा ने तुरंत अपने विधायक के बयान से खुद को अलग कर लिया। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि यह बयान पार्टी की लाइन से अलग है और ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं हैं।
पार्टी का नेतृत्व इस मामले पर संज्ञान लेगा।
वहीं, कांग्रेस ने इस मौके का फायदा उठाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि 11 साल से मोदी सरकार का राज है।
अगर देश में ऐसी परिस्थितियां बन रही हैं कि गृहयुद्ध जैसी आशंका जताई जा रही है, तो इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।
जहां अखिलेश यादव का बयान चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाता है, तो वहीं BJP विधायक का बयान देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा करता है।
इन बयानों के बाद जिस तरह दोनों पार्टियों ने खुद को दूर किया, वह यह साबित करता है कि ऐसी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं लिया जाता और वे पार्टी के आधिकारिक रुख को नहीं दर्शातीं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर राजनीतिक बहस क्या मोड़ लेती है।