Gwalior Aryan Died In Plane Crash: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए भयानक विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया।
एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 लंदन जा रही थी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद यह विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया।
हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 24 मेडिकल स्टूडेंट थे।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के MBBS छात्र आर्यन राजपूत भी इस हादसे में मारे गए।
रूममेट ने दी पिता को जानकारी
आर्यन राजपूत (Aryan Rajput) बीजे मेडिकल कॉलेज का सेकंड ईयर छात्र था और डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाने का सपना देख रहा था।
गुरुवार दोपहर जब एयर इंडिया का एक विमान हॉस्पिटल के हॉस्टल से टकराया, तब आर्यन मेस में लंच कर रहा था।
उसके रूममेट ने परिवार को यह दुखद खबर दी। केवल उसके पिता रामहेत राजपूत को इसकी जानकारी है, जो ग्वालियर से अहमदाबाद पहुंचे हैं।
आर्यन के चचेरे भाई भीकन सिंह ने बताया कि हादसे के सिर्फ 10 मिनट बाद ही उन्हें फोन आ गया था।

मां को नहीं दी गई बेटे की मौत की खबर
आर्यन राजपूत, ग्वालियर के छोटे से गांव की पगडंडियों से निकलकर अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल तक पहुंचा था, लेकिन अब वो हमेशा के लिए चला गया।
आर्यन की मां को अभी तक उसकी मौत की खबर नहीं दी गई है।
डर है कि वह इस सदमे को सहन नहीं कर पाएगी। इसलिए गांव वालों ने खुद ही अघोषित कर्फ्यू लगा दिया है और किसी को भी उसके घर जाने की इजाजत नहीं है।
भीकन सिंह ने कहा, “हमें डर है कि अगर मां को पता चला तो वह बुरी तरह टूट जाएगी।”
10 दिन पहले ही घर से आया था आर्यन
आर्यन ग्वालियर के घाँटीगांव के जिगसौली गांव का रहने वाला था।
वह परिवार में सबसे छोटा था और उसकी एक बड़ी बहन निकिता व भाई आदित्य हैं।
31 मई को वह गांव में एक शादी में शामिल होने आया था और 2 जून को वापस अहमदाबाद चला गया था।
परिवार को उम्मीद नहीं थी कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी।

हर रोज पिता को लगाता था फोन, अब नहीं बजेगी वह घंटी
आर्यन की एक दिनचर्या थी – वह रोज शाम 9 बजे अपने पिता को फोन करता था और पूरे दिन की गतिविधियों के बारे में बताता था। लेकिन अब वह फोन कभी नहीं आएगा।
भीकन सिंह ने कहा, “अब चाचाजी के फोन की वह घंटी नहीं बजेगी। आर्यन का नंबर सिर्फ एक नंबर रह गया है।”
बिना कोचिंग पास की थी NEET, पिता का सपना था डॉक्टर बनना
आर्यन पढ़ाई में बहुत तेज था। उसने बिना कोचिंग के ही NEET की परीक्षा पास की थी और पहले ही प्रयास में 720 में से 700 अंक हासिल किए थे।
उसके पिता रामहेत राजपूत एक किसान हैं और उनका सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने।
भीकन सिंह ने बताया, “चाचाजी ने अपनी पूरी मेहनत आर्यन पर लगाई थी। वह डॉक्टर बनने ही वाला था, लेकिन एक हादसे ने सब कुछ छीन लिया।”
अधूरा रह गया डॉक्टर बनने का सपना
आर्यन का बड़ा भाई सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था और छोटा भाई डॉक्टर बनने वाला था।
पिता ने दोनों बच्चों के भविष्य के लिए कड़ी मेहनत की थी। लेकिन एक ही पल में सब कुछ खत्म हो गया।
अब परिवार के सामने सबसे बड़ी चुनौती आर्यन की मां को इस दुखद खबर को बताना है।
ग्वालियर के जिगसोली गांव में आज सन्नाटा है। एक मां का सपना, जो अपने बेटे को डॉक्टर बनते देखना चाहती थी, अधूरा रह गया।
आर्यन की कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं, बल्कि उस सपने की भी है जो कभी पूरा नहीं हो पाएगा।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है।
हादसे में 265 लोगों की मौत, सिर्फ एक यात्री बचा
इस भयानक हादसे में 241 यात्री, 12 क्रू मेंबर्स और 5 अन्य लोगों की मौत हो गई।
विमान में सवार 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक थे।
इनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।