Air India Compensation: 12 जून, 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से 270 लोगों की मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद से एयर इंडिया लगातार विवादों में घिरी हुई है।
अब मृतकों के परिजनों ने मुआवजा प्रक्रिया को लेकर एयर इंडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि एयरलाइन कंपनी जानबूझकर मुआवजा देने से बचना चाह रही है और परिजनों से अनावश्यक वित्तीय जानकारी मांगी जा रही है।
परिजनों का आरोप
मृतकों के परिजनों और उनके वकीलों का कहना है कि एयर इंडिया ने उन्हें एक जटिल प्रश्नावली भेजी है, जिसमें आर्थिक निर्भरता, उत्तरजीवी लाभार्थी और अन्य कानूनी शर्तों के बारे में पूछा गया है।
उनका मानना है कि यह जानकारी बाद में मुआवजे की राशि को कम करने के लिए इस्तेमाल की जा सकती है।
एयर इंडिया का बयान
एयरलाइन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रश्नावली का उद्देश्य केवल पारिवारिक संबंधों की पुष्टि करना था, ताकि मुआवजा सही व्यक्ति को मिल सके।
कंपनी ने दावा किया कि अब तक 47 परिवारों को अग्रिम भुगतान किया जा चुका है।
कानूनी फर्म ने लगाए गंभीर आरोप
यूके की कानूनी फर्म स्टुअर्ट्स, जो 40 से अधिक पीड़ित परिवारों का प्रतिनिधित्व कर रही है, ने एयर इंडिया पर आरोप लगाया है कि वह 1,050 करोड़ रुपये बचाने की कोशिश कर रही है।
फर्म के वकील पीटर नीनन ने कहा:
“एयर इंडिया ने परिजनों को बिना किसी कानूनी सलाह के संवेदनशील वित्तीय जानकारी मांगी। यह अनैतिक और अपमानजनक है। कंपनी ने परिवारों पर दबाव डालकर फॉर्म भरवाए, जबकि अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक, बिना शर्त मुआवजा देना चाहिए।”
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया ने कहा कि ये कुछ औपचारिक प्रक्रियाएं हैं, जिनका पालन करना जरूरी है।
कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद कर रही है, जिसमें अंतिम संस्कार, आवास और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
टाटा समूह ने क्या ऐलान किया था?
हादसे के बाद टाटा समूह ने घोषणा की थी कि:
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प्रत्येक मृतक के परिजनों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।
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500 करोड़ रुपये का एक ट्रस्ट बनाया जाएगा, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और पुनर्वास में मदद करेगा।

हादसे की जानकारी
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फ्लाइट: AI-171 (अहमदाबाद से लंदन)
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तारीख: 12 जून, 2025
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मृतकों की संख्या: 270 (242 यात्री + 28 मेडिकल हॉस्टल में)
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कारण: अभी जांच जारी है, लेकिन DGCA ने एयर इंडिया के 3 अधिकारियों को निलंबित किया है।
यह मामला अब एक कानूनी लड़ाई बन गया है।
जहां पीड़ित परिवारों को न्याय की उम्मीद है, वहीं एयर इंडिया अपनी छवि बचाने में जुटी है।
देखना होगा कि आगे क्या होता है।