Asaram Bapu Guru Purnima: बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू 12 साल बाद जेल से बाहर गुरु पूर्णिमा का उत्सव मना रहे हैं।
वर्तमान में वे अंतरिम जमानत पर हैं, जिसके चलते इंदौर स्थित उनके आश्रम में हजारों भक्त जुटे हैं।
हालांकि, जमानत की शर्तों के तहत उन्हें सत्संग करने या अनुयायियों से मिलने की अनुमति नहीं है, लेकिन भक्तों को उम्मीद है कि वे उन्हें देख पाएंगे।
इंदौर आश्रम में सख्त सुरक्षा, भक्तों की भारी भीड़
खंडवा रोड स्थित आसाराम के आश्रम में बुधवार रात से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था।
गुरु पूर्णिमा के मौके पर गुरुवार सुबह से ही वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
आश्रम प्रबंधन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, जिसमें मोबाइल फोन और कैमरों पर पाबंदी लगा दी गई है।

प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है और उनके सामान को लॉकर में जमा करवाया जा रहा है।
आश्रम की ओर से भक्तों के लिए फ्री ट्रांसपोर्ट की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें ई-रिक्शा, ऑटो और ट्रैक्टर शामिल हैं।
आश्रम के पास ही गुरुकुल स्कूल के परिसर में बड़ी पार्किंग बनाई गई है, जहां वाहन खड़े किए जा रहे हैं।
जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर चुके हैं आसाराम?
आसाराम को जनवरी 2023 में अंतरिम जमानत मिली थी, जिसकी अवधि पहले 31 मार्च तक थी, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से इसे बढ़ाकर 12 अगस्त तक कर दिया गया है।
जमानत की शर्तों के मुताबिक, उन्हें सार्वजनिक सत्संग करने या अनुयायियों से मिलने की अनुमति नहीं है।
हालांकि, इससे पहले भी वे इंदौर आश्रम में सत्संग करते हुए देखे गए थे, जिसके बाद विवाद हुआ और उन्हें आश्रम छोड़ना पड़ा था।

फिलहाल, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या आसाराम सीधे तौर पर भक्तों से मिल रहे हैं या नहीं, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर वे आश्रम में मौजूद हैं।
आसाराम को मिली थी अंतरिम जमानत में छूट
गुजरात और राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास भुगत रहे आसाराम बापू की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाकर 12 अगस्त 2024 तक कर दी है।
86 वर्षीय आसाराम को यह राहत उनके गंभीर स्वास्थ्य संबंधी आधारों पर दी गई है।

अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से किया रेप
2013 में आसाराम पर अपने ही गुरुकुल की एक नाबालिग छात्रा के साथ बलात्कार का आरोप लगा था।
2018 में जोधपुर की एक अदालत ने उन्हें उम्रकैद (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई थी।
तब से वह जेल में थे, लेकिन हाल ही में मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें अस्थायी जमानत मिली थी।
क्यों बढ़ाई गई जमानत?
आसाराम के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि उनका स्वास्थ्य बेहद खराब है और उन्हें विशेष इलाज की जरूरत है। कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं जिनका हवाला दिया गया:
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हृदय रोग (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) – जो हाई रिस्क श्रेणी में आता है।
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मधुमेह और किडनी से जुड़ी समस्याएं – जिसके लिए नेफ्रोलॉजिस्ट की निगरानी जरूरी है।
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उम्र के कारण शारीरिक कमजोरी – 86 साल की उम्र में उन्हें नर्सिंग केयर की आवश्यकता है।
इन्हीं आधारों पर गुजरात और राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी जमानत बढ़ाने का फैसला किया।

क्या थी आसाराम की मांग?
आसाराम की टीम ने 6 महीने की स्थायी जमानत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने अस्थायी राहत देते हुए समय सीमा बढ़ाई।
पहले 7 जुलाई तक जमानत थी, फिर इसे 9 जुलाई और अब 12 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
क्या यह फैसला विवादास्पद है?
हां, क्योंकि आसाराम पर कई गंभीर आरोप लगे हैं और उन्हें सजा भी हो चुकी है।
ऐसे में मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मिलना कानूनी बहस का विषय बना हुआ है।
कुछ लोगों का मानना है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें कोई रियायत नहीं मिलनी चाहिए, जबकि दूसरी ओर, मानवाधिकार के तहत उचित इलाज पाने का हक भी दिया जाना चाहिए।
अब देखना होगा कि 12 अगस्त के बाद कोर्ट क्या फैसला लेता है – क्या उनकी जमानत और बढ़ेगी या उन्हें वापस जेल भेज दिया जाएगा?