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श्री कृष्ण को क्यों प्रिय है पीला रंग? कान्हा ने गोपियों और राधा जी को बताया था यह रहस्य

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Why Krishna Love Yellow Colour: आपने अक्सर देखा होगा कि श्री कृष्ण की मूर्तियों या तस्वीरों में वो हमेशा ज्यादातर पीले रंग के कपड़ों में ही दिखाई देते हैं।

उनकी पूजा में भी पीले रंग के फूल और पीले प्रसाद का विशेष महत्व है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों है।

दरअसल, श्री कृष्ण और पीले रंग का संबंध एक गहरा और प्रतीकात्मक महत्व रखता है, जो उनकी दिव्यता, आनंद और प्रेम से जुड़ा है।

आइए, एक कहानी के माध्यम से समझते हैं कि श्री कृष्ण को पीला रंग क्यों पसंद है और इसका क्या महत्व है।

कहानी: पीले रंग का रहस्य

वृंदावन की हरी-भरी वादियों में, जहां यमुना नदी के किनारे श्री कृष्ण अपनी लीलाएं रचते थे, एक दिन गोपियां आपस में बात कर रही थीं।

राधा रानी ने मुस्कुराते हुए पूछा, “कान्हा को हमेशा पीला रंग ही क्यों भाता है? उनकी पसंदीदा पोषाक, पगड़ी, और यहां तक कि फूल भी पीले ही क्यों?”

सभी गोपियां उत्सुक होकर राधा की ओर देखने लगीं। तभी वहां श्री कृष्ण अपनी बांसुरी लिए प्रकट हुए। उनकी पीली धोती हवा में लहरा रही थी, और उनके चेहरे पर वही शरारती मुस्कान थी।

“राधे, तुमने मेरा राज जानना चाहा?” कृष्ण ने हंसते हुए कहा। “चलो, मैं तुम्हें पीले रंग का रहस्य बताता हूं।” गोपियां उत्साहित होकर उनके चारों ओर बैठ गईं।

कृष्ण ने कहना शुरू किया, “यह कहानी तब की है, जब मैंने पहली बार इस सृष्टि में कदम रखा। मेरी मां यशोदा मुझे गोद में लेकर बैठी थीं।

उस दिन सूरज की किरणें मेरे चेहरे पर पड़ रही थीं, और मैंने देखा कि सूरज का रंग पीला है। वह रंग इतना सुंदर था कि मैं उसमें खो गया।

सूरज की किरणें हर किसी को रोशनी और गर्मी देती हैं, बिना किसी भेदभाव के। मैंने सोचा, यह रंग तो मेरे स्वभाव जैसा है—आनंद, प्रेम और उदारता से भरा।”

“फिर एक दिन,” कृष्ण ने आगे कहा, “मैं वृंदावन की गलियों में अपनी गायों के साथ खेल रहा था। वहां मैंने केसर के फूलों का एक खेत देखा।

वे पीले फूल इतने सुगंधित और सुंदर थे कि मैंने एक फूल उठाकर अपनी बांसुरी में सजा लिया। उस दिन से मुझे लगा कि पीला रंग मेरे दिल को छूता है।

यह रंग केवल सुंदरता का प्रतीक नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और पवित्रता का भी प्रतीक है।

“गोपियों ने उत्सुकता से पूछा, “कान्हा, लेकिन पीला रंग तो कई चीजों में दिखता है। क्या इसका कोई और महत्व भी है?”

कृष्ण ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां, मेरी प्यारी सखियों! पीला रंग आध्यात्मिकता का भी प्रतीक है।

यह वह रंग है, जो मन को शांति देता है और आत्मा को ईश्वर की ओर ले जाता है।

जब तुम पीला रंग देखती हो, तो वह तुम्हें मेरी याद दिलाता है, मेरे प्रेम और मेरी लीलाओं की। यह रंग मेरे भक्तों को बताता है कि जीवन में सादगी और प्रेम ही सबसे बड़ा धन है।”

राधा ने शरमाते हुए कहा, “कान्हा, इसलिए आप हमेशा पीली धोती पहनते हैं?”

कृष्ण ने हंसकर जवाब दिया, “हां, राधे! यह धोती मेरे प्रेम का प्रतीक है। जब मैं इसे पहनता हूं, तो यह मेरे भक्तों को याद दिलाता है कि मैं हमेशा उनके साथ हूं। पीला रंग मेरे हृदय की तरह खुला और उज्ज्वल है।”

कृष्ण ने आगे बताया, “वेदों और पुराणों में भी पीले रंग का विशेष महत्व है। यह विष्णु का रंग माना जाता है, जो सृष्टि के पालनहार हैं।

पीला रंग समृद्धि, ज्ञान और सकारात्मकता का प्रतीक है। जब मेरे भक्त मुझे पीले फूल चढ़ाते हैं या पीले वस्त्र अर्पित करते हैं, तो वे अपने मन की शुद्धता और भक्ति को मेरे सामने रखते हैं।”

गोपियां मंत्रमुग्ध होकर सुन रही थीं। एक गोपी ने पूछा, “कान्हा, क्या हमें भी पीला रंग अपनाना चाहिए?”

कृष्ण ने कहा, “रंग तो केवल एक प्रतीक है। असली बात है मन की भक्ति। अगर तुम्हारा मन मेरे प्रेम में रंगा है, तो हर रंग पीला हो जाता है।”

इस तरह, श्री कृष्ण ने गोपियों को पीले रंग का महत्व समझाया। वह रंग केवल एक रंग नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति, आनंद और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

आज भी जब हम श्री कृष्ण को पीले वस्त्रों में देखते हैं, तो वह हमें उनके दिव्य प्रेम और सादगी की याद दिलाता है।

महत्व: 

पीला रंग श्री कृष्ण के आनंदमय स्वभाव, उनकी भक्ति और प्रेम की गहराई को दर्शाता है। यह रंग हमें सिखाता है कि जीवन में सादगी, प्रेम और भक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है।

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