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सावन में क्यों नहीं खाते दही, कढ़ी और रायता? जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Curd in Sawan: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और सात्विक जीवनशैली का प्रतीक माना जाता है।

इस महीने में कुछ खाद्य पदार्थों जैसे दही, कढ़ी और रायता का सेवन न करने की सलाह दी जाती है।

इसके पीछे न सिर्फ धार्मिक मान्यताएं हैं, बल्कि वैज्ञानिक कारण भी हैं जो स्वास्थ्य से जुड़े हैं।

यह संयम न केवल स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि भगवान शिव की आराधना में भी श्रद्धा और पवित्रता बनाए रखने में सहायक होता है।

आइए जानते हैं विस्तार से…

1. वैज्ञानिक कारण – स्वास्थ्य पर प्रभाव

पाचन तंत्र कमजोर होना

सावन के महीने में मौसम नमीयुक्त होता है, जिससे पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।

दही और कढ़ी जैसी चीजें भारी होती हैं, जिससे गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

बैक्टीरिया और फंगस का खतरा

बारिश के मौसम में दही जल्दी खराब हो जाती है क्योंकि इसमें बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। इ

ससे फूड पॉइजनिंग या पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

शरीर में ठंडक बढ़ाता है दही

दही और रायता की तासीर ठंडी होती है, जो सावन में सर्दी-खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ा सकती है।

इसलिए सावन के महीने में दही खाने की मनाही होती है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।

2. धार्मिक कारण – शिव भक्ति और संयम

सावन भगवान शिव को समर्पित होता है. इसमें संयमित और सात्विक जीवनशैली को अपनाना शुभ माना जाता है

ऐसे में गरिष्ठ और किण्वित चीजों से परहेज करना आवश्यक होता है

व्रत और सात्विक आहार का महत्व

सावन में कई लोग व्रत रखते हैं और हल्का व सात्विक भोजन करते हैं।

दही-कढ़ी जैसी चीजें व्रत की पवित्रता को भंग कर सकती हैं।

सावन में क्या खाएं?

  • मूंग दाल की खिचड़ी
  • साबूदाना, फल और सूखे मेवे
  • उबली हुई सब्जियां
  • तुलसी का काढ़ा

सावन में दही, कढ़ी और रायता न खाने के पीछे वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों कारण हैं।

इस महीने संयमित आहार लेकर न सिर्फ आप स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि भगवान शिव की कृपा भी पा सकते हैं।

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