What is Nipah Virus कोरोना वायरस के बाद अब निपाह वायरस (Nipah Virus) एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है।
हाल ही में केरल के पलक्कड़ जिले में इस वायरस से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।
यह वायरस पहली बार 1998-99 में मलेशिया और सिंगापुर में सामने आया था।
भारत में निपाह वायरस की स्थिति
केरल में निपाह वायरस का यह दूसरा मामला है।
पहले 2018 में भी केरल में इस वायरस से कई लोगों की मौत हुई थी।
अब स्वास्थ्य विभाग ने 553 लोगों की सूची तैयार की है, जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे।
इन लोगों पर नजर रखी जा रही है।
केरल में निपाह वायरस से दूसरी मौत, छह जिलों में अलर्ट जारी
◆ पलक्कड़ में 57 वर्षीय व्यक्ति की मौत, निपाह वायरस संक्रमण का संदेह
◆ राज्य के छह जिलों में स्वास्थ्य विभाग ने निपाह अलर्ट किया जारी, निगरानी बढ़ी
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— News24 (@news24tvchannel) July 14, 2025
सरकार की गाइडलाइन
भारत सरकार और WHO ने निपाह वायरस को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं:
- केरल के 6 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है।
- अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए गए हैं।
- लोगों से अस्पताल जाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेने को कहा गया है।
- संदिग्ध मामलों को तुरंत आइसोलेट करना।
- स्वास्थ्यकर्मियों को पूरी सुरक्षा के साथ काम करने के निर्देश।
- जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना।

क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस एक जानलेवा वायरस है, वैज्ञानिकों के अनुसार, यह वायरस चमगादड़ और जानवरों से इंसानों में फैलता है।
यह वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया के निपाह गांव में पाया गया था, इसलिए इसे “निपाह वायरस” नाम दिया गया।
यह वायरस चमगादड़ (फ्रूट बैट), सूअर, घोड़े और कुत्तों जैसे जानवरों के जरिए फैल सकता है।

निपाह वायरस का इतिहास
- 1998-99: मलेशिया और सिंगापुर में पहली बार निपाह वायरस का प्रकोप हुआ, जिसमें 276 लोग संक्रमित हुए।
- 2001: भारत में पहला मामला पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में सामने आया।
- 2007: पश्चिम बंगाल के नादिया में दूसरा प्रकोप हुआ।
- 2018-19: केरल में निपाह वायरस का प्रकोप हुआ, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई।
- 2025: केरल में फिर से निपाह वायरस के मामले सामने आए हैं।
अफ्रीकी बंदरों के दिमाग में मिले वायरस के लक्षण
एक शोध में अफ्रीकी बंदरों के दिमाग में भी निपाह वायरस के लक्षण पाए गए हैं, जो इंसानों में मिले लक्षणों से मिलते-जुलते हैं।
जर्नल ऑफ इंफेक्शियस डिजीज (Journal of Infectious Diseases) में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, बांग्लादेश में निपाह वायरस के बढ़ते मामलों की जांच के लिए अफ्रीकी बंदरों पर अध्ययन किया गया।
वैज्ञानिकों ने बंदरों के दिमाग की जांच की, जिसमें निपाह वायरस के वही लक्षण पाए गए, जो संक्रमित इंसानों में देखे गए थे।
इससे पता चलता है कि यह वायरस जानवरों से इंसानों में आसानी से फैल सकता है।

निपाह वायरस कैसे फैलता है?
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चमगादड़ों के संपर्क से – निपाह वायरस का मुख्य स्रोत फ्रूट बैट (फल खाने वाले चमगादड़) हैं। ये चमगादड़ पेड़ों पर लगे फलों को खाते हैं या उन पर लार छोड़ते हैं। यदि कोई व्यक्ति ऐसे दूषित फल खा लेता है, तो वह संक्रमित हो सकता है।
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संक्रमित जानवरों के जरिए – सूअर, घोड़े और कुत्ते भी इस वायरस को फैला सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति इन जानवरों के संपर्क में आता है, तो उसे भी संक्रमण हो सकता है।
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इंसान से इंसान में – यदि कोई व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित है, तो उसके छींकने, खांसने या निकट संपर्क में आने से दूसरे लोग भी बीमार हो सकते हैं।

निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड (संक्रमण से लक्षण दिखने तक का समय) 4 से 21 दिनों का होता है
गंभीर मामलों में यह वायरस दिमाग में सूजन (एन्सेफलाइटिस) पैदा कर सकता है, जो जानलेवा हो सकता है।
इसके प्रमुख लक्षण हैं:
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी और चक्कर आना
- सांस लेने में तकलीफ
- दिमागी सूजन (एन्सेफलाइटिस)
- कोमा जैसी स्थिति (गंभीर मामलों में)
बचाव के उपाय
- फलों को अच्छी तरह धोकर खाएं – चमगादड़ों के संपर्क में आए फलों को खाने से बचें। फलों को अच्छी तरह पानी से धोकर ही खाएं।
- जानवरों के संपर्क में आने से बचें – खासकर चमगादड़, सूअर और घोड़ों से दूर रहें।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें – हाथों को बार-बार साबुन से धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं – यदि कोई व्यक्ति निपाह वायरस से संक्रमित है, तो उसके नजदीक जाने से बचें।
- मास्क पहनें – केरल सरकार ने पलक्कड़ और मलप्पुरम जिलों में मास्क पहनने की सलाह दी है।

मौत के बाद क्या सावधानियां बरतें?
- निपाह वायरस से मरने वाले व्यक्ति के शव को सामान्य तरीके से नहीं छूना चाहिए।
- शव का अंतिम संस्कार सरकारी गाइडलाइन के अनुसार करना चाहिए।
- परिवार के सदस्यों को भी संक्रमण का खतरा होता है, इसलिए उन्हें भी जांच करानी चाहिए।

निपाह वायरस एक गंभीर बीमारी है, जिसका अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं है।
इसलिए सावधानी और सुरक्षा ही इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है।
साफ-सफाई का ध्यान रखें और सरकारी गाइडलाइन का पालन करें।
यदि किसी में वायरस के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।