Covid JN.1 Variant: भारत में कोविड-19 के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं।
महाराष्ट्र में 53 एक्टिव केसों की पुष्टि के बाद अब ओडिशा में भी करीब ढाई साल बाद कोरोना वायरस का एक नया मामला सामने आया है।
इस बढ़ोतरी के पीछे कोरोना का JN.1 वेरिएंट मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है।
JN.1 वेरिएंट क्या है?
JN.1 वेरिएंट कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का ही एक सब-वेरिएंट है, जो BA.2.86 (पाइरोला) से विकसित हुआ है।
यह वेरिएंट पहली बार अगस्त 2023 में सामने आया था और दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “Variant of Interest” घोषित किया था।
अब तक यह वेरिएंट 40 से अधिक देशों में फैल चुका है और भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

JN.1 वेरिएंट की खास बातें:
तेजी से फैलने वाला – यह पहले के वेरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक है।
- इम्युनिटी को चकमा देने की क्षमता – पुरानी वैक्सीन या संक्रमण से बनी एंटीबॉडी इसके खिलाफ कम प्रभावी हो सकती हैं।
- गंभीर बीमारी का कम जोखिम – अब तक के आंकड़ों के अनुसार, यह वेरिएंट ज्यादातर हल्के लक्षण पैदा कर रहा है।
JN.1 वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
इस वेरिएंट के लक्षण आम ओमिक्रॉन संक्रमण जैसे ही हैं, लेकिन कुछ नए लक्षण भी देखे गए हैं:
- बुखार या ठंड लगना
- खांसी, गले में खराश
- नाक बहना या बंद होना
- सिरदर्द और शरीर में दर्द
- थकान और कमजोरी
- स्वाद या गंध का कम होना (अब कम सामान्य)
- कुछ मामलों में मितली, उल्टी या दस्त
नोट: टीकाकरण वाले लोगों में लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

भारत में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति
भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई तक देश में 257 एक्टिव केस हैं, जिनमें से 164 नए मामले शामिल हैं।
सबसे ज्यादा मामले निम्नलिखित राज्यों में हैं:
- केरल – 95 एक्टिव केस
- तमिलनाडु – 66 एक्टिव केस
- महाराष्ट्र – 56 एक्टिव केस
- अन्य राज्य (दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान, सिक्किम, पुडुचेरी)
मुंबई में दो मौतें, लेकिन कोविड प्रमुख कारण नहीं
मुंबई के KEM अस्पताल में दो मरीजों (एक 14 साल की बच्ची सहित) की मौत हुई, जो कोविड-19 पॉजिटिव थे,
लेकिन अस्पताल प्रशासन के अनुसार, उनकी मृत्यु का कारण कोरोना नहीं था।

क्या JN.1 वेरिएंट से घबराने की जरूरत है?
विशेषज्ञों का मानना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि:
इस वेरिएंट से गंभीर बीमारी का खतरा कम है।
टीकाकरण और बूस्टर डोज इसके खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं।
हालांकि, सतर्क रहने की आवश्यकता है, खासकर बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को।
बचाव के उपाय
- मास्क पहनें – भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें।
- हाथों की सफाई – साबुन या सैनिटाइजर से हाथ धोएं।
- लक्षण दिखने पर जांच कराएं – बुखार, खांसी या गले में खराश होने पर टेस्ट करवाएं।
- वैक्सीन लगवाएं – अगर बूस्टर डोज नहीं लगवाया है, तो जल्दी लगवाएं।
- आइसोलेट रहें – अगर कोविड पॉजिटिव हैं, तो 5-7 दिन आइसोलेशन में रहें।
JN.1 वेरिएंट भले ही तेजी से फैल रहा हो, लेकिन यह अभी तक गंभीर बीमारी का कारण नहीं बना है।
फिर भी, सावधानी बरतने और स्वास्थ्य नियमों का पालन करने की जरूरत है।
सरकार और स्वास्थ्य विभाग मामलों पर नजर बनाए हुए हैं, और जरूरत पड़ने पर नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं।