Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है।
यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, और इस बार यह 9 अगस्त 2025, शनिवार को पड़ रहा है।
इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनके सुखी और दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं, जबकि भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।
लेकिन क्या हो अगर किसी बहन का भाई न हो या किसी भाई की बहन न हो?
हिंदू धर्मग्रंथों में इसका भी समाधान बताया गया है।
आइए जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए।
साथ ही, जानेंगे राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और इस बार बनने वाले शुभ योग।
राखी बांधने का शुभ समय (मुहूर्त)
- सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक (कुल 7 घंटे 37 मिनट)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:22 से 5:04 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:17 से 12:53 बजे तक
यानी, 7 घंटे 37 मिनट तक राखी बांधने का शुभ अवसर रहेगा।
इस बार बन रहे हैं ये शुभ योग:
- सर्वार्थ सिद्धि योग – सुबह 5:47 से दोपहर 2:23 तक
- सौभाग्य योग – 9 अगस्त सुबह से 10 अगस्त तड़के 2:15 तक
- शोभन योग – 10 अगस्त तक प्रभावी
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:22 से 5:04 तक
- अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:17 से 12:53 तक
इन शुभ समय में राखी बांधने से भाई-बहन के बीच का बंधन और मजबूत होता है।
अगर बहन का कोई भाई न हो तो क्या करें?
कई बहनों के जीवन में कोई सगा भाई नहीं होता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे रक्षाबंधन नहीं मना सकतीं।
शास्त्रों के अनुसार, ऐसी बहनें निम्नलिखित तरीकों से राखी का पर्व मना सकती हैं:
1. भगवान श्रीकृष्ण को बांधें राखी
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जिन बहनों का कोई भाई नहीं है, वे भगवान श्रीकृष्ण, बाल गोपाल या लड्डू गोपाल को राखी बांध सकती हैं।
मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाकर उन्हें अपनी बहन का दर्जा दिया था।
2. गुरु या आध्यात्मिक गाइड को बांधें रक्षासूत्र
यदि कोई बहन अपने जीवन में किसी गुरु या आध्यात्मिक मार्गदर्शक को मानती है, तो वह उन्हें भी राखी बांध सकती है।
3. सैनिकों या राष्ट्र की रक्षा के लिए बांधें राखी
देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत बहनें सेना के जवानों को राखी बांध सकती हैं और उनसे देश व अपनी सुरक्षा का वचन ले सकती हैं।
4. प्रकृति से जुड़कर मनाएं रक्षाबंधन
पेड़-पौधों को भी राखी बांधकर प्रकृति के प्रति सम्मान दिखाया जा सकता है।
पीपल, तुलसी, बरगद या केले के पेड़ को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया जा सकता है।
अगर भाई की कोई बहन न हो तो क्या करें?
कुछ भाइयों के जीवन में कोई सगी बहन नहीं होती, लेकिन वे भी रक्षाबंधन के पावन बंधन का हिस्सा बन सकते हैं।
1. गुरु या पुजारी से बंधवाएं रक्षासूत्र
ऐसे भाई किसी मंदिर के पुजारी या अपने गुरु से रक्षासूत्र बंधवा सकते हैं।
2. दोस्त या रिश्तेदार की बहन से बंधवाएं राखी
अगर किसी भाई की अपनी बहन नहीं है, तो वह अपने दोस्त या किसी रिश्तेदार की बहन से राखी बंधवा सकता है।
3. सेल्फ-राखी (स्वयं को रक्षा का संकल्प)
अगर कोई विकल्प न हो, तो भाई खुद से रक्षा का संकल्प ले सकते हैं और अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज की रक्षा का वचन ले सकते हैं।
रक्षाबंधन सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं
रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ रक्त संबंधों तक ही सीमित नहीं है।
यह प्रेम, सुरक्षा और समर्पण का पर्व है, जिसे विभिन्न तरीकों से मनाया जा सकता है।

चाहे भगवान को राखी बांधकर, गुरु का आशीर्वाद लेकर, सैनिकों को सम्मान देकर या प्रकृति से जुड़कर—हर कोई इस पावन बंधन का हिस्सा बन सकता है।
इस रक्षाबंधन पर, चाहे जिस तरह से, प्यार और सुरक्षा का यह बंधन मजबूत करें!