Homeलाइफस्टाइलभाई को राखी बांधते समय 3 गांठें ही क्यों लगाई जाती हैं?...

भाई को राखी बांधते समय 3 गांठें ही क्यों लगाई जाती हैं? जानें त्रिदेवों से जुड़ा रहस्य!

और पढ़ें

Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Rakhi Three Knots Rule: हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का विशेष महत्व है।

यह त्योहार भाई-बहन के प्यार, विश्वास और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करता है।

9 अगस्त 2025, शनिवार को यह पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा।

इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबे जीवन व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

वहीं, भाई अपनी बहन को जीवनभर सुरक्षा देने का वचन देते हैं।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि राखी बांधते समय कुछ नियमों और दिशाओं का ध्यान रखना जरूरी होता है?

आइए जानते हैं रक्षाबंधन 2025 के शुभ मुहूर्त, तीन गांठों का रहस्य और पौराणिक महत्व…

राखी की तीन गांठों का रहस्य

क्या आपने कभी सोचा है कि राखी बांधते समय तीन गांठें क्यों लगाई जाती हैं? इसके पीछे त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) से जुड़ी गहरी मान्यता है:

पहली गांठ – ब्रह्मा जी के नाम:

  • यह गांठ सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी को समर्पित होती है।
  • यह नई शुरुआत और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

दूसरी गांठ – विष्णु जी के नाम:

  • यह पालनहार विष्णु जी को समर्पित होती है।
  • यह भाई की सुरक्षा, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बांधी जाती है।

तीसरी गांठ – शिव जी के नाम:

  • यह संहारक और कल्याणकारी शिव जी को समर्पित होती है।
  • यह बुरी शक्तियों से रक्षा और आंतरिक शक्ति प्रदान करती है।

इस प्रकार, तीन गांठें भाई-बहन के रिश्ते को प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के साथ मजबूत बनाती हैं।

राखी बांधते समय दिशा का महत्व

राखी बांधते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार:

  • भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
  • बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।

यह संयोजन सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य पूर्व से उदय होता है, जो नई ऊर्जा और शुभता का प्रतीक है।

रक्षाबंधन 2025 का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष 9 अगस्त, शनिवार को रक्षाबंधन मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • राखी बांधने का समय: सुबह 05:47 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक
  • कुल अवधि: 7 घंटे 37 मिनट

इस दौरान राखी बांधने से अधिक शुभ फल की प्राप्ति होती है।

रक्षाबंधन मंत्र और उसका अर्थ

राखी बांधते समय यह पवित्र मंत्र बोलना चाहिए:

“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचलः।।”

मंत्र का अर्थ:

“जिस रक्षा सूत्र से महान बलशाली राजा बलि को बांधा गया था, उसी पवित्र धागे से मैं तुम्हें बांधती हूं। यह तुम्हारी रक्षा करे और तुम्हें हर संकट से बचाए।”

Rakshabandhan 2025, Rakhi Thali Decoration, What to put in Rakhi Thali, Preparations for Rakshabandhan, Auspicious Rakhi Thali, Rakhi Thali Decoration
Rakhi Thali Decoration

रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं और संस्कारों का पवित्र बंधन है।

दिशा, मुहूर्त और गांठों के नियमों का पालन करके इस पर्व को और अधिक शुभ और फलदायी बनाया जा सकता है।

इस रक्षाबंधन पर भाई-बहन का प्यार और मजबूत हो, यही शुभकामनाएं!

- Advertisement -spot_img