GST Slab Reform: भारत की जीएसटी (Goods and Services Tax) व्यवस्था में एक ऐतिहासिक और बड़ा बदलाव होने जा रहा है।
राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह (Group of Ministers – GoM) ने केंद्र सरकार के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें मौजूदा 12% और 28% के GST स्लैब को पूरी तरह खत्म करने की बात कही गई है।
इसके बाद अब देश में मुख्य रूप से सिर्फ दो ही टैक्स स्लैब रह जाएंगे – 5% और 18%।
इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से की गई उस घोषणा के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने दिवाली पर ‘बड़े तोहफे’ और ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ का ऐलान किया था।
इस सुधार का सीधा फायदा आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और छोटे उद्यमों (MSMEs) को मिलेगा और रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली अनेक चीजें काफी सस्ती हो जाएंगी।

क्या है पूरा मामला? समझें Point-by-Point
GoM की महत्वपूर्ण मंजूरी
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अगुवाई वाली छह सदस्यीय मंत्रिसमूह (GoM) ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर मुहर लगाई है।
इस पैनल में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।
नया GST Structure क्या होगा?
- 5% स्लैब: अच्छी और आवश्यक वस्तुओं (Essential and common use items) पर लागू।
- 18% स्लैब: अधिकांश मानक वस्तुओं और सेवाओं (Standard goods and services) पर लागू।
- 40% स्लैब (नया): तंबाकू, पान मसाला और लग्जरी कारों जैसी हानिकारक और विलासिता की वस्तुओं (Sin and luxury goods) के लिए एक विशेष उच्च दर।
क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?
केंद्र सरकार का मकसद जीएसटी व्यवस्था को और सरल, पारदर्शी और विचारशील (रीजनेबल) बनाना है।
कई दरों की वजह से जटिलताएं और अनुपालन में दिक्कतें आती थीं।
इस कदम से टैक्स चोरी पर भी रोक लगेगी और करदाताओं (टैक्स पेयर) की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

किन चीजों पर पड़ेगा सीधा असर? जानें क्या होगा सस्ता
इस सुधार का सबसे बड़ा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा।
जो सामान पहले 12% और 28% के स्लैब में थे, वे अब 5% और 18% के स्लैब में आ जाएंगे, जिससे उनकी कीमतों में कमी आएगी।
वे चीजें जो 12% से घटकर 5% GST के दायरे में आएंगी (और सस्ती होंगी):
- खाद्य पदार्थ: ड्राई फ्रूट्स, ब्रांडेड नमकीन, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क।
- पर्सनल केयर: टूथपेस्ट, टूथ पाउडर, साबुन, हेयर ऑयल।
- दवाएं: सामान्य एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर दवाएं, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट।
- घरेलू सामान: सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर।
- अन्य: 1000 रुपए से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपए वाले जूते, साइकिल, बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, ग्लोब, कृषि मशीनरी, सोलर वॉटर हीटर।
वे चीजें जो 28% से घटकर 18% GST के दायरे में आएंगी (और सस्ती होंगी):
- इलेक्ट्रॉनिक्स & उपकरण: टीवी, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर (एसी), डिशवॉशर, प्रिंटर।
- निर्माण सामग्री: सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टेम्पर्ड ग्लास, ग्लेज्ड टाइल्स।
- FMCG सामान: चॉकलेट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, रेजर, मैनिक्योर किट।
- ऑटो पार्ट्स: रबर के टायर, प्लास्टिक प्रोडक्ट, एल्युमिनियम फॉयल।
- अन्य: निजी विमान, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, कॉफी कॉन्सेंट्रेट।
आगे क्या होगा?
GoM की सिफारिशें अभी अंतिम फैसला नहीं हैं।
इन्हें लागू होने में अभी कुछ समय लगेगा और इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाएगा:
- GST काउंसिल की बैठक: GoM की रिपोर्ट और सिफारिशें अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में रखी जाएंगी। यह बैठक जल्द ही बुलाई जा सकती है।
- राज्यों की सहमति: काउंसिल की बैठक में सभी राज्य अपने-अपने विचार और आपत्तियां (अगर कोई हैं) रखेंगे। कुछ राज्यों ने राजस्व के नुकसान को लेकर चिंता जताई है, जिस पर चर्चा होगी।
- मतदान और अनुमोदन: किसी भी प्रस्ताव को पास होने के लिए जीएसटी काउंसिल के 75% सदस्यों की सहमति जरूरी है। अगर प्रस्ताव पास हो जाता है, तो इसे मंजूरी मिल जाएगी।
- लागू करना: मंजूरी मिलने के बाद केंद्र और राज्य सरकारें इसे लागू करने के लिए आवश्यक कानूनी और तकनीकी कदम उठाएंगी। एक नई तारीख तय की जाएगी, जिस दिन से नई दरें लागू होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर कहा है कि दरों को युक्तिसंगत बनाने से आम आदमी को अधिक राहत मिलेगी और एक आसान कर (टैक्स) व्यवस्था सुनिश्चित होगी।
पूरे देश की नजर अब जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक पर टिकी है, जो यह तय करेगी कि क्या भारत की टैक्स व्यवस्था में यह बदलाव जल्द ही हकीकत बनता है।