Khalistani threat to Kapil Sharma: खालिस्तान आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कॉमेडियन कपिल शर्मा को कनाडा में कैफे खोलने पर धमकी दी है।
पन्नू ने वीडियो जारी करके कहा कि कपिल शर्मा खुद को हिंदूवादी बताता है। अगर उसके कैफे पर फिर से गोलियां चलती हैं, तो खालिस्तानियों पर आरोप लगाया जाएगा।”
उसने आगे कहा,
“भारतीय लोग कनाडा में निवेश कर रहे हैं। क्या यह सिर्फ एक कैफे है या हिंदुत्व फैलाने की साजिश? अगर आप कनाडा के कानून नहीं मानते, तो यहां क्यों आए हैं? अपना पैसा लेकर भारत वापस जाओ।”
हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।
9 जुलाई को कपिल के कैफे पर चली थीं गोलियां
दरअसल, 9 जुलाई की रात कनाडा के सर्रे शहर में कपिल शर्मा के नए कैफे “कैप्स कैफे” पर अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलियां चलाईं।
हमलावरों ने 9 राउंड फायर कर कैफे को निशाना बनाया।
इस हमले की जिम्मेदारी बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े आतंकी हरजीत सिंह लाडी ने ली, जो NIA के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है।

कपिल शर्मा ने यह कैफे महज तीन दिन पहले (7 जुलाई) लॉन्च किया था।
हमले के बाद कैफे की टीम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा कि वे इस हिंसा से निराश हैं, लेकिन हार नहीं मानेंगे।
क्यों निशाने पर है कपिल शर्मा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरजीत सिंह लाडी ने दावा किया कि कपिल शर्मा ने एक कॉमेडी शो में निहंग सिखों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
लाडी और उसके साथी तूफान सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कपिल से माफी मांगने को कहा, नहीं तो मामला और बिगड़ सकता है।

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू?
- गुरपतवंत सिंह पन्नू मूल रूप से अमृतसर (पंजाब) के खानकोट गांव का रहने वाला है।
- पंजाब यूनिवर्सिटी से गुरपतवंत सिंह पन्नू ने लॉ की पढ़ाई की है।
- पन्नू के पिता महिंदर सिंह पंजाब स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के पूर्व कर्मचारी थे।
- पन्नू फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा है और SFJ का कानूनी सलाहकार भी है।
- SFJ पर पंजाब में अलगाववाद फैलाने के आरोप लगे हैं।
- भारत सरकार ने 2020 में UAPA के तहत उसे आतंकी घोषित किया।
- पन्नू अमेरिका के साथ ही कनाडा का भी निवासी है।
- अमेरिका के अलावा कनाडा और ब्रिटेन में अपने संगठन के जरिए भारत विरोधी प्रोपेगैंडा चलाता है।
- खालिस्तान की मांग के नाम पर वीडियो जारी कर वह पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश में जुटा रहता है।

यह घटना कनाडा में बढ़ते खालिस्तानी आतंकवाद की ओर इशारा करती है।
भारत सरकार लगातार विदेशों में बैठे आतंकियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है, लेकिन कनाडा की सरकार पर उन्हें पनाह देने के आरोप लगते रहे हैं।