Nagchandreshwar Mandir Ujjain: उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में 29 जुलाई 2025 को नागपंचमी का महापर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
इस अवसर पर मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट 28 जुलाई की रात 12 बजे खुलेंगे।
इसके बाद 24 घंटे तक निरंतर दर्शन का सिलसिला चलेगा।
नागचंद्रेश्वर मंदिर का खुलना एक दुर्लभ अवसर है, जिसके लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
राजा भोज ने करवाया था निर्माण
नागचंद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में परमार वंश के राजा भोज ने करवाया था। बाद में, 1732 में राणोजी सिंधिया ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अद्भुत शिल्प कला का भी उदाहरण है।
क्यों साल में सिर्फ एक बार खुलता है मंदिर?
महाकालेश्वर मंदिर साल भर भक्तों से भरा रहता है, लेकिन नागचंद्रेश्वर मंदिर केवल नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता है।
पौराणिक कथा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, नागराज तक्षक भगवान शिव के परम भक्त थे। उन्होंने कठोर तपस्या कर शिव को प्रसन्न किया और अमरत्व का वरदान प्राप्त किया। इसके बाद, तक्षक ने महाकाल वन (उज्जैन) में शिव के साथ निवास किया।
कहा जाता है कि नागराज तक्षक ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि उनकी तपस्या में कोई विघ्न न डाले। इसलिए, शिवजी ने उन्हें एकांत में रहने का आशीर्वाद दिया।
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन ही तक्षक भक्तों को दर्शन देते हैं।
मान्यताएं और महत्व
– स्थानीय लोगों का मानना है कि इस दिन नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।
– मंदिर में शिवलिंग के ऊपर नागों की मूर्तियाँ बनी हैं, जो इसे अद्वितीय बनाती हैं।
इस दौरान मंदिर में काफी भीड़ रहेगी क्योंकि यह मंदिर साल में सिर्फ एक बार खुलता है।
ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए हैं।
दर्शनार्थियों के लिए विशेष व्यवस्था
नागपंचमी के दिन लाखों श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए उज्जैन पहुँचते हैं। इस बार दर्शन मार्ग को लेकर नई व्यवस्था की गई है:
– कर्कराज पार्किंग और भील समाज की धर्मशाला से श्रद्धालुओं को पैदल चलकर मंदिर पहुँचना होगा।
– आम दर्शनार्थियों को लगभग 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है।
– शीघ्र दर्शन टिकट (₹300) वाले भक्तों को कम दूरी तय करनी होगी और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर दर्शन कराए जाएँगे।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा
इस बार शीघ्र दर्शन टिकट केवल ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। पहले की तरह ऑफलाइन टिकट काउंटर नहीं लगाए जाएँगे।
भक्त महाकालेश्वर मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर टिकट बुक कर सकते हैं।
इस व्यवस्था से नकदी की समस्या और भीड़भाड़ से बचाव होगा।
यातायात और सुरक्षा प्रबंध
– शहर के आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में सूचना बोर्ड लगाए जाएँगे, ताकि दर्शनार्थियों को मार्गदर्शन मिल सके।
– पूछताछ केंद्र और खोया-पाया केंद्र भी स्थापित किए जाएँगे।
– महानिर्वाणी अखाड़ा द्वारा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।