Vice President Of India: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई, सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(A) के तहत स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद का त्याग किया।
इसके साथ ही वे राज्यसभा के सभापति के पद से भी हट गए हैं।
मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है।
अब सवाल उठ रहा है कि इन दोनों पदों की जिम्मेदारी कौन संभालेगा और नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कब तक होगा?
इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे उपराष्ट्रपति पद के बारे में सब कुछ, साथ ही जानेंगे उपराष्ट्रपति की सैलरी और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं के बारे में

राज्यसभा का काम कौन देखेगा?
संविधान के अनुच्छेद 89(2) और 91 के मुताबिक:
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उपराष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सभापति के रूप में कार्यवाही संभालेंगे।
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हालांकि, वे केवल राज्यसभा की बैठकों का संचालन कर सकेंगे। उपराष्ट्रपति को मिले संवैधानिक अधिकार (जैसे राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में कार्यभार संभालना) उन्हें नहीं मिलेंगे।
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अगर उपसभापति भी उपलब्ध नहीं होते हैं, तो राष्ट्रपति किसी अन्य सदस्य को यह जिम्मेदारी दे सकते हैं।
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रक्रिया
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समयसीमा: संविधान का अनुच्छेद 68 कहता है कि पद रिक्त होने के 6 महीने के भीतर नया चुनाव होना चाहिए।
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चुनाव तरीका: उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा + राज्यसभा) के सदस्य गुप्त मतदान से करते हैं।
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कार्यकाल: निर्वाचित उपराष्ट्रपति 5 साल तक पद पर रहेंगे, भले ही वे किसी के कार्यकाल की बची हुई अवधि के लिए चुने गए हों।
क्या होगा अगर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों अनुपस्थित हों?
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अगर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही पद पर नहीं हों (जैसे इस्तीफा, मृत्यु या बीमारी), तो संविधान के अनुच्छेद 70 के तहत संसद अस्थायी व्यवस्था के लिए कानून बना सकती है।
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1969 में जब जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि राष्ट्रपति बने, तो उपराष्ट्रपति पद खाली हो गया था। उस समय सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपति के कार्य संभाले थे।
हरिवंश नारायण सिंह सदन की कार्यवाही संभालेंगे
जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह सदन की कार्यवाही संभालेंगे, जबकि नए उपराष्ट्रपति का चुनाव जल्द होगा।
संविधान में इसकी स्पष्ट व्यवस्था है, जिससे शासन प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।

उपराष्ट्रपति को कितनी सैलरी मिलती है
भारत के उपराष्ट्रपति को हर महीने लगभग 4 लाख रुपये वेतन मिलता है।
यह वेतन “संसद अधिकारी के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1953” के तहत तय किया गया है।
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति भी होते हैं, इसलिए उन्हें यह वेतन मिलता है।
2018 से पहले उपराष्ट्रपति का वेतन 1.25 लाख रुपये प्रति माह था, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया।
उपराष्ट्रपति को मिलने वाली अन्य सुविधाएं
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निःशुल्क आवास: उपराष्ट्रपति को सरकारी बंगला दिया जाता है।
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यात्रा सुविधा: ट्रेन और हवाई यात्रा मुफ्त होती है।
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सुरक्षा: पूरे कार्यकाल के दौरान और पद छोड़ने के बाद भी Z+ सुरक्षा दी जाती है।
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चिकित्सा सुविधा: निःशुल्क इलाज और मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं।
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अन्य भत्ते: ड्राइवर, सहायक, लैंडलाइन, मोबाइल कनेक्शन और दैनिक भत्ते भी मिलते हैं।
पद छोड़ने के बाद क्या मिलता है?
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पेंशन: उपराष्ट्रपति को मिलने वाली सैलरी का 50% पेंशन के रूप में दिया जाता है। यानी लगभग 2 लाख रुपये प्रति माह।
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सुरक्षा: पद छोड़ने के बाद भी सरकारी सुरक्षा मिलती रहती है।
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यात्रा और स्वास्थ्य सुविधाएं: पूर्व उपराष्ट्रपति को फ्री मेडिकल सुविधा और यात्रा भत्ता मिलता है।
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आवास: पद छोड़ने के बाद उन्हें सरकारी आवास खाली करना होता है, लेकिन कुछ समय का विस्तार दिया जा सकता है।
क्या जगदीप धनखड़ को पेंशन मिलेगी?
हां, जगदीप धनखड़ को अब 2 लाख रुपये प्रति माह पेंशन मिलेगी।
साथ ही, उन्हें सुरक्षा, मेडिकल सुविधाएं और अन्य लाभ भी मिलेंगे।
इस तरह, भारत के उपराष्ट्रपति को अच्छी सैलरी और कई सुविधाएं मिलती हैं, जो पद छोड़ने के बाद भी जारी रहती हैं।
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा और विवाद
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया।
हालांकि, विपक्ष का कहना है कि इस्तीफे के पीछे कोई और वजह हो सकती है।
— Vice-President of India (@VPIndia) July 21, 2025
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या उपराष्ट्रपति बिना इस्तीफा दिए पद छोड़ सकते हैं?
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नहीं, उन्हें औपचारिक रूप से इस्तीफा देना होगा, जैसा कि धनखड़ ने किया।
2. क्या उपसभापति को उपराष्ट्रपति के अधिकार मिलेंगे?
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नहीं, वे केवल राज्यसभा की कार्यवाही चला सकेंगे।
3. नया उपराष्ट्रपति कब तक चुना जाएगा?
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6 महीने के भीतर, लेकिन सरकार जल्द चुनाव करा सकती है।