Cleanliness City Ranking 2025: केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 17 जुलाई को स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 के अवार्ड्स की घोषणा की जाएगी।
इस बार मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, उज्जैन, देवास, जबलपुर, ग्वालियर और बुधनी जैसे शहरों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार मिलने की उम्मीद है।
17 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इन अवार्ड्स को दिया जाएगा।
इस साल भी मध्य प्रदेश के कई शहरों ने स्वच्छता में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
सुपर स्वच्छ लीग में इंदौर की टक्कर सूरत से
इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण में एक नई श्रेणी “सुपर स्वच्छ लीग” (SSL) जोड़ी गई है, जिसमें पिछले तीन साल (2021-2023) में कम से कम दो बार टॉप-3 में रहने वाले शहरों को शामिल किया गया है।
इसमें इंदौर (जो लगातार 7 बार नंबर-1 रहा है) के अलावा सूरत, नवी मुंबई, चंडीगढ़, नोएडा, तिरुपति जैसे शहर शामिल हैं।
अभी तक रैंकिंग नहीं घोषित हुई है, लेकिन इंदौर एक बार फिर सबसे स्वच्छ शहर बन सकता है।
डोर टू डोर कलेक्शन इंदौर की सबसे बड़ी ताकत
स्वच्छता के लिए घर-घर कचरा संग्रहण इंदौर की सबसे बड़ी ताकत है।
ज्यादातर शहर इसे मजबूत नहीं कर पाए है।
इंदौर में कचर पेटियां ही नहीं है। शत-प्रतिशत कचरा घरों से निकल कर सीधे ट्रेंचिंग ग्राउंड तक जाता है।
भोपाल, देवास और शाहगंज को प्रेसिडेंशियल अवार्ड
प्रेसिडेंशियल अवार्ड की श्रेणी में भोपाल, देवास और शाहगंज को चुना गया है।
इसके अलावा, जबलपुर को मिनिस्ट्रियल अवार्ड और ग्वालियर को स्टेट लेवल अवार्ड मिलेगा।
हालांकि, इनकी रैंकिंग (1, 2 या 3) अभी सार्वजनिक नहीं हुई है।
कैसे तय होती है रैंकिंग?
शहरों को उनकी आबादी के आधार पर 5 श्रेणियों में बांटा गया है:
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बहुत छोटे शहर (20,000 से कम जनसंख्या) – बुधनी
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छोटे शहर (20,000-50,000)
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मध्यम शहर (50,000-3 लाख) – उज्जैन
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बड़े शहर (3-10 लाख)
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मिलियन-प्लस शहर (10 लाख से अधिक) – इंदौर, भोपाल
पिछली बार इंदौर-सूरत को मिला था सयुंक्त पुरुस्कार
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण देरी से हुआ। जिस वजह से परिणाम भी देरी से आ रहे है।
इस आयोजन में शामिल होने प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के मेयर पुष्य मित्र भार्गव और अन्य अधिकारी जाएंगे।
कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा।
इंदौर को पिछली बार संयुक्त रूप से सूरत के साथ अवार्ड मिला था।
सूरत ने इस कचरे से कमाई के मामले में बेहतर काम किया है।
अब देखना है कि क्या इंदौर एक बार फिर अपना परचम लहरा पाएगा।