Bihar Domicile Policy: बिहार सरकार ने मंगलवार, 8 जुलाई को राज्य की महिलाओं के लिए एक बड़ा फैसला लेते हुए सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल पॉलिसी (मूल निवासी नीति) लागू कर दी है।
अब केवल बिहार की महिलाएं ही सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ उठा सकेंगी।
इससे पहले, अन्य राज्यों की महिलाएं भी बिहार सरकारी नौकरियों में इस आरक्षण का फायदा उठा रही थीं।
यह फैसला मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसमें कुल 43 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई।
आइए जानते हैं क्या है डोमिसाइल सर्टिफिकेट और कैसे मिलेगा इससे फायदा…
डोमिसाइल सर्टिफिकेट क्या है?
डोमिसाइल (स्थानीय निवास प्रमाणपत्र) एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति को किसी विशेष राज्य का स्थायी निवासी साबित करता है।
यह सर्टिफिकेट राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है और इसका उपयोग सरकारी नौकरियों, शिक्षा संस्थानों में आरक्षण और स्थानीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए किया जाता है।

बिहार में डोमिसाइल का क्या फायदा?
बिहार सरकार ने राज्य की नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की है। इसके तहत:
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स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता – बिहार के अभ्यर्थियों को अन्य राज्यों के उम्मीदवारों से पहले नौकरी मिलेगी।
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रोजगार में आत्मनिर्भरता – पलायन रुकेगा और युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिलेगा।
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शिक्षा और संस्कृति का लाभ – शिक्षक भर्ती में स्थानीय भाषा और संस्कृति का ज्ञान शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगा।
किन राज्यों में लागू है डोमिसाइल?
हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान जैसे राज्य पहले से ही डोमिसाइल नीति लागू कर चुके हैं।
बिहार के छात्रों का मानना है कि इस नीति से उन्हें अन्य राज्यों के मुकाबले समान अवसर मिलेंगे।
इस नीति से बिहार के युवाओं को रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।

बिहार युवा आयोग का गठन, शिक्षा और रोजगार पर फोकस
इसके अलावा, बिहार सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन को भी मंजूरी दे दी है।
इस आयोग का मुख्य उद्देश्य युवाओं को शिक्षा, रोजगार और प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह आयोग युवाओं की स्थिति सुधारने और सरकार को उनसे जुड़े मामलों में सलाह देने का काम करेगा।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें प्रशिक्षित करने तथा सशक्त और सक्षम बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार युवा आयोग के गठन का निर्णय लिया है और आज कैबिनेट द्वारा बिहार युवा आयोग के गठन की मंजूरी भी दे…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 8, 2025
दिव्यांगों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
बिहार सरकार ने दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना भी शुरू की है।
इस योजना के तहत, दिव्यांग उम्मीदवारों को BPSC और UPSC की परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जो उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा पास कर लेंगे, उन्हें मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए 50,000 रुपये और इंटरव्यू की तैयारी के लिए 1 लाख रुपये की सहायता राशि मिलेगी।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले:
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मिलेट्स योजना: मोटा अनाज (मिलेट) उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 46.75 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
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डीजल अनुदान योजना: सूखा या कम बारिश की स्थिति में किसानों को सिंचाई के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
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गेहूं बीज योजना: रबी सीजन में गेहूं की बेहतर किस्मों के बीज को बढ़ावा देने के लिए 65 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
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शहरी गैस वितरण नीति 2025: शहरों में प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई।