Bijapur Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है।
यहां पश्चिम बस्तर डिवीजन कमेटी की ‘कंपनी नंबर 2’ से जुड़े 13 हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
इन नक्सलियों पर कुल 23 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
यह कदम राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों की मेहनत का नतीजा है।
कौन हैं आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली?
आत्मसमर्पण करने वालों में पार्टी सदस्य, एरिया कमेटी मेंबर (ACM), मिलिशिया प्लाटून और PLGA के सदस्य शामिल हैं। इनमें प्रमुख हैं:
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देवे मुचाकी (प्रमिला): 8 लाख रुपये का इनाम, ‘कंपनी नंबर 2’ की सदस्य।
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कोसा ओयाम (राजेंद्र): 5 लाख रुपये का इनाम, धमतरी-गरियाबंद-नुआवाड़ा डिवीजन का ACM।
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कोसी पोड़ियाम: 2 लाख रुपये का इनाम।
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इनके अलावा, अन्य 10 नक्सलियों पर 50 हजार से 1 लाख रुपये तक का इनाम था।
सरकार ने दिया पुनर्वास पैकेज
राज्य सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति के तहत, आत्मसमर्पण करने वालों को 50,000 रुपये की तत्काल सहायता दी गई है।
इसके अलावा, उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण, आवास सुविधा, स्वास्थ्य सेवाएं और रोजगार के अवसर भी दिए जाएंगे, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
नक्सलियों के आत्मसमर्पण (Surrender of Naxalites) कार्यक्रम में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के उप महानिरीक्षक (DIG) बीएस नेगी, डॉ. जितेन्द्र यादव, पुलिस अधीक्षक, बीजापुर, यूलेण्डन यार्क, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ,मंयक गुर्जर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ,विनीत साहू, उप पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
2025 में नक्सल उन्मूलन की बड़ी सफलता
इस साल अब तक कुल 241 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है।
कुल 270 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है।
जबकि 126 माओवादियों को अलग-अलग मुठभेड़ में सुरक्षाबल के जवानों ने मार गिराया गया है।
बीजापुर पुलिस ने इसे “जन जागरूकता और सुरक्षा बलों की रणनीतिक जीत” बताया है।
अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण अब नक्सलवाद के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं और युवाओं को मुख्यधारा में लौटने का मौका मिल रहा है।