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इंदौर-देवास हाईवे पर 32 घंटे के जाम ने ली 3 जानें, NHAI की लापरवाही पर सवाल

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

Indore Dewas Traffic Jam: इंदौर-देवास हाईवे पर बने अर्जुन बड़ोद पुल के कारण पिछले दो दिनों से भीषण ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है।

मात्र 35 किमी के इस रास्ते को पार करने में लोगों को घंटों लग रहे हैं, जबकि सामान्यतः यह सफर 40 मिनट में पूरा होता है।

इस जाम के कारण अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो हार्ट अटैक के मरीज और एक कैंसर पीड़ित शामिल हैं।

NHAI की लापरवाही से लगा जाम

इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों और परिजनों का आरोप है कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।

बारिश के मौसम से पहले ही इस इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन NHAI ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

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अब जब तीन लोगों की जान जा चुकी है, तो अधिकारी काम शुरू करने की बात कर रहे हैं।

जाम में फंसकर हुईं तीन मौतें

1. कमल पांचाल – हार्ट अटैक से मौत

गुरुवार को कमल पांचाल अपने परिवार के साथ बहन की तेरहवीं के लिए जा रहे थे।

अर्जुन बड़ोद के पास जाम में फंसने के बाद उन्हें घबराहट हुई और हार्ट अटैक आया।

परिवार ने डेढ़ घंटे तक कोशिश की, लेकिन जाम से निकल नहीं पाए।

अस्पताल पहुंचने तक वह नहीं बच सके।

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2. संदीप पटेल – हार्ट अटैक से मौत

गारी पिपल्या गांव के 32 वर्षीय संदीप पटेल को सीने में दर्द हुआ, लेकिन जाम के कारण अस्पताल नहीं पहुंच पाए।

वैकल्पिक रास्ते से जाने की कोशिश की, लेकिन वहां भी जाम लगा था।

तीन घंटे फंसे रहने के बाद उनकी मौत हो गई।

3. बलराम पटेल – ऑक्सीजन खत्म होने से मौत

शुजालपुर के कैंसर पीड़ित बलराम पटेल को इंदौर लाया जा रहा था, लेकिन जाम में दो घंटे फंसने के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया।

अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।

VIP भी नहीं बच पाए जाम से

इस जाम की स्थिति इतनी भयावह है कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और मंत्री विश्वास सारंग भी इसी जाम में फंसे रहे।

पुलिस को उनके काफिले को निकालने में 45 मिनट से ज्यादा का समय लगा।

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प्रशासन की ढिलाई, अब कलेक्टर ने लिया संज्ञान

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को NHAI अधिकारियों के साथ बैठक करके सर्विस रोड बनाने, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और ट्रैफिक कंट्रोल के उपाय करने के निर्देश दिए।

साथ ही, उन्होंने कहा कि बारिश के दौरान चालान कार्रवाई पर रोक लगाकर ट्रैफिक सुधारने पर ध्यान दिया जाए।

क्या है समाधान?

  • वैकल्पिक मार्गों का उपयोग: भारी वाहनों को मानपुर, घाटा बिल्लोद, उज्जैन और देवास के रास्ते से जाने की सलाह दी गई है।

  • ड्रेनेज सिस्टम सुधारना: जल जमाव को रोकने के लिए नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं।

  • टोल टैक्स पर सवाल: लोगों का कहना है कि जब सड़कों पर कोई सुविधा नहीं है, तो टोल टैक्स क्यों वसूला जा रहा है?

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यह घटना सिर्फ एक ट्रैफिक जाम नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।

NHAI और स्थानीय प्रशासन को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो।

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