Rajesh Sharma Look Out Notice: मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भोपाल के बिल्डर राजेश शर्मा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया है।
शर्मा पर एक किसान से धोखाधड़ी कर 2 करोड़ रुपये की जमीन हड़पने का आरोप है।
वह अभी विदेश में बताए जा रहे हैं, जिसके चलते ईओडब्ल्यू ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए यह कार्रवाई की है।
क्या है पूरा मामला?
मामला भोपाल के रातीबड़ इलाके के किसान चिंता सिंह मारण से जुड़ा है।
चिंता सिंह के नाम पर 12.46 एकड़ जमीन (गांव महुआखेड़ा) कोर्ट के आदेश से दर्ज थी।
राजेश शर्मा और उनकी कंपनी ट्राईडेंट मल्टीवेंचर्स ने इस जमीन को कम कीमत में खरीदने की साजिश रची।
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रजिस्ट्री में हेराफेरी: 12 जून 2023 को जमीन की रजिस्ट्री 2.83 करोड़ रुपये में की गई, लेकिन किसान को सिर्फ 81 लाख रुपये दिए गए।
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चेक स्टॉप पेमेंट: किसान को तीन चेक (हर एक 22 लाख रुपये) दिए गए, लेकिन बाद में सभी चेक रोक दिए गए।
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रजिस्ट्री की कॉपी नहीं दी गई, जिससे किसान को पता ही नहीं चला कि उसकी जमीन कितने में बिकी।

कैसे हुई धोखाधड़ी?
राजेश शर्मा ने चिंता सिंह को बैंक ऑफ इंडिया में तकनीकी समस्या का बहाना बताया और उनका नया खाता ICICI बैंक में खुलवाया।
इस खाते में शर्मा ने अपने सहयोगी राजेश तिवारी का मोबाइल नंबर और ईमेल डलवा दिया, जिससे सारा पैसा तिवारी के खाते में ट्रांसफर हो गया।
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IDFC बैंक में ट्रांसफर: ICICI खाते से 30 लाख, 40 लाख, 31.16 लाख और 35 लाख रुपये के बड़े ट्रांजेक्शन किए गए।
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किसान को कोई जानकारी नहीं दी गई, जबकि रजिस्ट्री में 2.83 करोड़ दिखाया गया।
तीन आरोपियों की भूमिका
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राजेश शर्मा – मास्टरमाइंड, जिसने पत्नी राधिका शर्मा के साथ मिलकर कंपनी बनाई और जमीन हड़पी।
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दीपक तुलसानी – कागजों पर हस्ताक्षर करने वाला, जिसे सिर्फ नाम के लिए खरीदार बनाया गया।
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राजेश तिवारी – टेक्निकल सपोर्ट, जिसने खाते से पैसा निकालकर IDFC बैंक में ट्रांसफर किया।
पूर्व सीएस इकबाल सिंह बैंस से कनेक्शन
राजेश शर्मा को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस का करीबी माना जाता है।
इस कनेक्शन के चलते उन पर राजनीतिक संरक्षण के आरोप भी लगे हैं। हालांकि, अभी तक बैंस पर कोई सीधा आरोप नहीं लगा है।
ईओडब्ल्यू और आयकर विभाग की कार्रवाई
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ईओडब्ल्यू ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (दस्तावेजों में हेराफेरी), 471 (नकली दस्तावेज इस्तेमाल करना) और आईटी एक्ट की धारा 66C/66D के तहत केस दर्ज किया है।
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आयकर विभाग ने मार्च 2025 में ही राजेश शर्मा की 2.36 करोड़ की संपत्ति (भोपाल की तीन मंजिला इमारत समेत) अटैच कर ली थी।
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दिसंबर 2024 में 56 ठिकानों पर छापेमारी में 10 करोड़ नकद और 25 लॉकर पाए गए थे।
आगे क्या होगा
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ईओडब्ल्यू राजेश शर्मा को विदेश से वापस लाने की कोशिश कर रही है।
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हाईकोर्ट में शर्मा की याचिका लंबित है, लेकिन अभी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
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जांच एजेंसी दीपक तुलसानी और राजेश तिवारी से भी पूछताछ कर रही है।