Monsoon And Nonveg: मानसून के मौसम में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि इस दौरान संक्रमण और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
खासकर अगर आप नॉनवेज खाते हैं।
वैसे तो नॉनवेज प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, लेकिन बरसात के दिनों में इसका सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है वरना कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
आइए जानते हैं मानसून में नॉनवेज खाने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है
साथ ही जानेंगे मानसून में नॉनवेज खाने के नुकसान और फायदे…
मानसून में नॉनवेज खाते समय सावधानियां
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ताजा मीट ही खरीदें – बासी या सड़ा हुआ नॉनवेज न खाएं।
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अच्छी तरह पकाएं – कच्चा या अधपका मांस न खाएं।
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साफ-सफाई का ध्यान रखें – मीट को अच्छी तरह धोकर पकाएं।
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बाहर के नॉनवेज से बचें – स्ट्रीट फूड या रेस्तरां में मिलने वाले नॉनवेज में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

मानसून में नॉनवेज खाने के नुकसान
1. पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव
रांची के रिम्स अस्पताल के डॉ. विकास के अनुसार, मानसून में हमारा पाचन तंत्र धीमा हो जाता है।
नॉनवेज, खासकर रेड मीट, पचने में भारी होता है, जिससे एसिडिटी, कब्ज और अपच की समस्या हो सकती है।
2. संक्रमण का खतरा
बारिश के मौसम में नॉनवेज जल्दी खराब होता है।
अगर मांस ताजा न हो या ठीक से स्टोर न किया गया हो, तो फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
3. कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग का जोखिम
अधिक नॉनवेज खाने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा होता है।
4. मछली और चिकन में संक्रमण का डर
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मछली अक्सर बरसात के दिनों में प्रदूषित पानी में पकड़ी जाती है, जिससे इंफेक्शन का खतरा होता है।
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चिकन और अंडे में बर्ड फ्लू का जोखिम भी बढ़ जाता है।

मानसून में नॉनवेज खाने के फायदे
अगर सावधानी से तैयार किया जाए, तो नॉनवेज के कुछ फायदे भी हैं:
- हाई प्रोटीन स्रोत – मांसपेशियों के विकास में मददगार।
- कैल्शियम और आयरन – हड्डियों और खून के लिए फायदेमंद।
- जरूरी पोषक तत्व – विटामिन B12, जिंक और ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है।

क्या मानसून में नॉनवेज खाना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून में नॉनवेज खाने से बचना चाहिए, खासकर अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है या आपको हृदय रोग है।
अगर खाना ही चाहते हैं, तो ताजा और अच्छी तरह पका हुआ नॉनवेज ही खाएं।