3 Naxalite leaders Encounter: आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है।
मारेडुमिली जंगल में हुई मुठभेड़ में तीन शीर्ष माओवादी नेता मारे गए, जिन पर कुल 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था।
इनमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के केंद्रीय समिति सदस्य गजरला रवि और उनकी सहयोगी अरुणा शामिल हैं।
मुठभेड़ का विवरण
मुठभेड़ आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेडुमिली जंगल में हुई, जहां आंध्र प्रदेश पुलिस और ग्रेहाउंड्स फोर्स ने माओवादियों के साथ भीषण गोलीबारी की।
सुरक्षाबलों ने दो AK-47 राइफल और अन्य हथियार बरामद किए।
मारे गए माओवादी नेताओं की पहचान:
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गजरला रवि (उदय) – आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी के सचिव, 1 करोड़ का इनाम।
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अरुणा (रावी वेंकट चैतन्य) – टीएसजेडसी सदस्य, 50 लाख का इनाम, माओवादी चलपति की पत्नी।
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अंजु – एरिया कमेटी सदस्य, मुठभेड़ में मारी गईं।

माओवादियों की पुरानी गतिविधियां
गजरला रवि 2012 से ही सुरक्षाबलों के रडार पर था। उसने 2012 में बीएसएफ कमांडेंट और दो जवानों की हत्या की थी।
अरुणा, जो एक वरिष्ठ महिला माओवादी नेता थी, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में सक्रिय थी।
पिछले कुछ समय में माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
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13 दिन पहले, बीजापुर में सुरक्षाबलों ने 1 करोड़ के इनामी सुधाकर और 45 लाख के इनामी भास्कर को मार गिराया था।
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मध्य प्रदेश में भी हाल ही में 56 लाख के इनामी चार माओवादी ढेर किए गए, जिनके पास ग्रेनेड लॉन्चर और भारी हथियार थे।
NIA की जांच में खुलासा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पता लगाया कि माओवादी CRPF कैंपों पर हमले से पहले डमी कैंप बनाकर ट्रेनिंग लेते हैं।
उन्होंने युवाओं को भर्ती कर हथियार चलाना सिखाया और फिर बड़े हमले किए।
बालाघाट में पुलिस-हॉक फोर्स ने 3 महिला नक्सलियों समेत 4 को किया ढेर
14 जून को मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस-हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं।
यह ऑपरेशन पचामा दादर के पहाड़ी इलाके में हुआ, जहां सुरक्षाबलों को ग्रेनेड लॉन्चर और एसएलआर जैसे हथियार बरामद हुए।
हथियार और सामान बरामद
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से ग्रेनेड लॉन्चर, एसएलआर राइफल, गोला-बारूद और अन्य नक्सली सामान जब्त किया।
यह नक्सल उन्मूलन अभियान में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
सुरक्षाबलों की यह सफलता माओवादी संगठन के लिए एक बड़ा झटका है।
गजरला रवि और अरुणा जैसे नेताओं का खात्मा नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।