Chetan Patil EOW Raid: 17 जून की सुबह मध्य प्रदेश के इंदौर में EOW ने नगर निगम के उद्यान विभाग के सहायक अधीक्षक चेतन पाटिल के घर और कार्यालय पर छापा मारा।
EOW (इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग) के इस छापे के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं।
छापे में 1.85 करोड़ रुपये से अधिक की असंगत संपत्ति बरामद हुई है, जबकि पाटिल की कुल आय पिछले 20 वर्षों में केवल 15-17 लाख रुपये ही रही है।
EOW ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में केस दर्ज करते हुए उनके कार्यालय को सील कर दिया है।
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— Chautha Khambha (@chauthakhamba) June 17, 2025
EOW की कार्रवाई: क्या मिला छापे में?
EOW इंदौर की टीम ने मंगलवार सुबह चेतन पाटिल के गुलमोहर कॉलोनी स्थित आवास और नगर निगम कार्यालय पर छापा मारा।
छानबीन में निम्न संपत्तियां बरामद हुईं:
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भानगढ़ गुलमोहर कॉलोनी में दो प्लॉट – 28.60 लाख रुपये
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दो मंजिला मकान – 42 लाख रुपये
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सोने के जेवर – 20 लाख रुपये (अनुमानित)
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बैंक में जमा राशि – 40.33 लाख रुपये
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18 बीमा पॉलिसियां – 25 लाख रुपये
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नकदी – 1.14 लाख रुपये
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स्कूटी – 52,000 रुपये
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घर में एसी व अन्य सामान – 13 लाख रुपये
EOW के अनुसार, पाटिल ने अपने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां खरीदी हैं, जिनकी जांच जारी है।

कैसे बना मामला? पौधा खरीदी में 4 करोड़ का घोटाला
EOW एसपी रामेश्वर सिंह यादव के मुताबिक, चेतन पाटिल ने पौधों की खरीदी, टेंडर और बिल में हेराफेरी करके यह संपत्ति जमा की।
दो साल पहले 4 करोड़ रुपये के पौधा घोटाले की शिकायत मिली थी, जिसकी जांच के बाद यह कार्रवाई हुई।
क्या है आरोप?
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पाटिल ने एनआरआई सम्मेलन और अन्य कार्यक्रमों के नाम पर पौधों की खरीद में गड़बड़ी की।
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ओवरइनवॉइसिंग और फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
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मात्र 15 लाख की आय में 1.85 करोड़ की संपत्ति बनाना असंगत पाया गया।

EOW की जांच क्या खुलासा करेगी?
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बैंक लेनदेन और निवेश की जांच की जा रही है।
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परिवार के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों का विवरण तैयार किया जा रहा है।
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नगर निगम के रिकॉर्ड से पौधा खरीदी के दस्तावेजों की जांच होगी।
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सोने और जेवरात का सही मूल्यांकन किया जाएगा।
चेतन पाटिल कौन हैं?
चेतन पाटिल 20 साल पहले मस्टरकर्मी के तौर पर नगर निगम में भर्ती हुए थे और बाद में सहायक अधीक्षक (उद्यान) बने।
उनका मासिक वेतन कम होने के बावजूद करोड़ों की संपत्ति होना संदेह पैदा करता है।
“मस्टरकर्मी” एक ऐसा कर्मचारी होता है जिसे गर निगम या सरकारी विभागों में।दैनिक या अस्थायी आधार पर काम पर रखा जाता है।
वे आमतौर पर सफाई, बागवानी, या अन्य दैनिक कार्यों में लगे होते हैं।
क्या कहता है कानून?
भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (PCA) के तहत आय से अधिक संपत्ति रखने पर सख्त कार्रवाई होती है।
EOW अब कोर्ट की अनुमति से संपत्ति जब्ती और गिरफ्तारी की कार्रवाई कर सकती है।

इंदौर नगर निगम के इस बड़े घोटाले ने प्रशासनिक भ्रष्टाचार की एक और परत खोली है।
EOW की जांच अभी जारी है, और संभावना है कि और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
यह मामला सरकारी अधिकारियों की असामान्य संपत्ति पर सवाल उठाता है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है।