Balaghat Naxal Encounter: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में पुलिस-हॉक फोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में चार नक्सली मारे गए, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं।
यह ऑपरेशन पचामा दादर के पहाड़ी इलाके में हुआ, जहां सुरक्षाबलों को ग्रेनेड लॉन्चर और एसएलआर जैसे हथियार बरामद हुए।
कैसे हुई मुठभेड़
बालाघाट के लांजी थाना क्षेत्र में पुलिस को नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
एसपी आदित्य मिश्रा के नेतृत्व में हॉक फोर्स और पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया।
मुठभेड़ में 20-30 राउंड फायरिंग हुई, जिसमें चार नक्सली मारे गए।
मृतकों में तीन महिला नक्सली भी शामिल हैं।

हथियार और सामान बरामद
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से ग्रेनेड लॉन्चर, एसएलआर राइफल, गोला-बारूद और अन्य नक्सली सामान जब्त किया।
यह नक्सल उन्मूलन अभियान में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
नक्सल विरोधी अभियान तेज
बालाघाट में नक्सली गतिविधियां पिछले कुछ समय से बढ़ी थीं।
पुलिस लगातार छापामार कार्रवाई कर रही है।
इससे पहले भी डाबरी पुलिस चौकी के पास नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई थी।
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छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे शहीद
11 जून को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम के विस्फोट में पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आकाश राव गिरपुंजे की मौत हो गई।
इस हमले में दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
परिवार के साथ बिताने वाले थे खास पल
42 वर्षीय आकाश राव गिरपुंजे उस दिन अपनी छह साल की बेटी का जन्मदिन मनाने महाराष्ट्र के भंडारा जाने की तैयारी कर रहे थे।
उन्होंने अपनी बेटी से वादा किया था कि वह उसके जन्मदिन पर जरूर आएंगे, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
सुकमा के कोंटा इलाके में नक्सलियों ने प्रेशर बम विस्फोट कर दिया, जिसमें एएसपी गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

एक निडर अधिकारी का सफर
आकाश राव गिरपुंजे छत्तीसगढ़ पुलिस में एक बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी के रूप में जाने जाते थे।
उनके छोटे भाई आदर्श गिरपुंजे ने बताया, “भैया कभी खतरे से पीछे नहीं हटते थे। वह हमेशा आगे रहते थे।”
आकाश ने 2008 में छत्तीसगढ़ राज्य सेवा परीक्षा पास की और 2013 में डीएसपी बने।
वह पिछले साल मार्च से सुकमा के कोंटा क्षेत्र में एएसपी के पद पर तैनात थे।
उनके नेतृत्व में इस इलाके में कई नए पुलिस कैंप स्थापित किए गए थे।
परिवार को गहरा सदमा
आकाश के परिवार में उनकी पत्नी स्नेहा, सात साल का बेटा और छह साल की बेटी हैं।
घटना के समय उनकी पत्नी और बच्चे महाराष्ट्र के भंडारा में थे। उन्हें तुरंत रायपुर लाया गया।
आदर्श ने बताया, “रविवार रात हमने आखिरी बार बात की थी। भैया बेटी के जन्मदिन पर उनसे मिलने जा रहे थे।
हमने कभी नहीं सोचा था कि यह हमारी आखिरी बातचीत होगी।”

मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आकाश के घर जाकर परिवार को संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “गिरपुंजे जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। नक्सलियों को उनके किए की सजा मिलेगी।”
मुख्यमंत्री ने राजनांदगांव का दौरा स्थगित कर नक्सल विरोधी रणनीति पर बैठक की। उन्होंने घायल पुलिसकर्मियों से भी मुलाकात की।
आखिरी विदाई
आकाश राव का पार्थिव शरीर रायपुर लाया गया, जहां डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया।
उनके घर कुशालपुर में सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि दी।
एक साधारण परिवार का होनहार बेटा
आकाश रायपुर के एक साधारण परिवार से थे। उनके पिता गोविंद राव एक छोटे से गैराज चलाते हैं।
आकाश ने बी.कॉम. करने के बाद यूपीएससी की तैयारी की और चार बार प्रीलिम्स पास किया, लेकिन मेंस नहीं निकाल पाए। हालांकि, उन्होंने राज्य पुलिस सेवा में अपनी जगह बनाई और नक्सल विरोधी अभियानों में अहम भूमिका निभाई।