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गुप्त नवरात्रि से जगन्नाथ रथ यात्रा तक, जानें जून माह के प्रमुख व्रत और त्योहार के बारे में

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Nisha Rai
Nisha Rai
निशा राय, पिछले 13 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन्होंने दैनिक भास्कर डिजिटल (M.P.), लाइव हिंदुस्तान डिजिटल (दिल्ली), गृहशोभा-सरिता-मनोहर कहानियां डिजिटल (दिल्ली), बंसल न्यूज (M.P.) जैसे संस्थानों में काम किया है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल) से पढ़ाई कर चुकीं निशा की एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल बीट पर अच्छी पकड़ है। इन्होंने सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर भी काफी काम किया है। इनके पास ब्रांड प्रमोशन और टीम मैनेजमेंट का काफी अच्छा अनुभव है।

June Month Vrat Tyohar: जून 2025 का महीना हिंदू धर्म के लिए विशेष महत्व रखता है। 

इस माह में कई प्रमुख व्रत, त्योहार और धार्मिक यात्राएं आयोजित होती हैं, जिनमें गुप्त नवरात्रि, जगन्नाथ रथ यात्रा, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी शामिल हैं। 

आइए जानते हैं जून 2025 के सभी महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में विस्तार से।

जून 2025 के प्रमुख व्रत और त्योहार  

1. महेश नवमी (4 जून 2025)

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। 

मान्यता है कि इस दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी। 

शिवजी की आराधना करने से भक्तों को सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

2. गंगा दशहरा (5 जून 2025)

गंगा दशहरा ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। 

इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से दस प्रकार के पापों (दैहिक, वाचिक और मानसिक) से मुक्ति मिलती है। 

गंगा जल का पूजन और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

3. निर्जला एकादशी (6 जून 2025)

निर्जला एकादशी सभी एकादशियों में सबसे कठिन मानी जाती है, क्योंकि इसमें बिना जल ग्रहण किए व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत से सभी 24 एकादशियों का फल मिलता है। भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

4. वट सावित्री पूर्णिमा व्रत (10 जून 2025)

वट पूर्णिमा का व्रत विवाहित महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। इस दिन बरगद (वट) के वृक्ष की पूजा की जाती है और सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी जाती है। यह व्रत दांपत्य जीवन को सुखमय बनाता है।

5. कबीरदास जयंती और ज्येष्ठ पूर्णिमा (11 जून 2025)

इस दिन संत कबीरदास जयंती मनाई जाती है, जो भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत थे। साथ ही, ज्येष्ठ पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दान-पुण्य और स्नान का विशेष महत्व है।

6. आषाढ़ मास की शुरुआत (12 जून 2025)

आषाढ़ मास में गुरु पूर्णिमा और गुप्त नवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। इस माह में जल देवता की पूजा करने से पापों का नाश होता है। भगवान विष्णु की उपासना से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

7. जगन्नाथ रथ यात्रा (27 जून 2025)

जगन्नाथ रथ यात्रा ओडिशा के पुरी में आयोजित होने वाला विश्व प्रसिद्ध त्योहार है। इस दिन भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), बलभद्र और सुभद्रा रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। मान्यता है कि रथ खींचने से सौभाग्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

8. गुप्त नवरात्रि (26 जून से शुरू)

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। तंत्र साधना और शक्ति उपासना के लिए यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान विशेष मंत्र सिद्धि और साधना की जाती है।

अन्य महत्वपूर्ण तिथियाँ

-14 जून 2025: कृष्ण पिंगल संकष्टी चतुर्थी  

– 15 जून 2025: मिथुन संक्रांति (सूर्य का मिथुन राशि में प्रवेश)  

– 21 जून 2025: योगिनी एकादशी  

– 23 जून 2025: प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि  

– 25 जून 2025: आषाढ़ अमावस्या (पितृ तर्पण का शुभ समय)  

– 28 जून 2025: विनायक चतुर्थी  

इन व्रतों और त्योहारों का पालन करने से आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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